तुलार्क महाकुंभ के तृतीय शाही स्नान में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी
आस्था का केंद्र सिमरिया धाम में बुधवार को तुलार्क महाकुंभ के तृतीय शाही स्नान ।
बेगूसराय। आस्था का केंद्र सिमरिया धाम में बुधवार को तुलार्क महाकुंभ के तृतीय शाही स्नान के दौरान अलसुबह से शाम तक गंगा नदी में लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।। तृतीय शाही स्नान को लेकर सर्वमंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ के ज्ञानमंच से बुधवार की सुबह गाजे बाजे मांदर व तीन रथ के साथ 70-70 फीट का दो ध्वज लिए शोभा यात्रा निकली। शोभा यात्रा के दौरान ध्वज, दंडी स्वामी व 56 पीठाधीश्वर का दल बढ़ रहा था। उसके पीछे नागा साधु चल रहे थे। पंचदशनाम जूना अखाड़ा के नागा साधु हाथ में तलवार, त्रिशूल से करतब दिखाते चल रहे थे। नागा सन्यासियों का स्नान सबसे पहले हुआ। उसके बाद नागा साध्वियों का जत्था, दंडी स्वामी का जत्था, निशान तब जाकर स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने गंगा नदी में डुबकी लगाई।
साथ ही तीन रथों पर भारत माता व पंच देवताओं का चित्र था। वहीं पीठाधीश्वरों में प्रयाग पीठाधीश्वर स्वामी माधवानंद जी महाराज, हरिद्वार पीठाधीश्वर स्वामी गंगानंद जी महाराज, पुनौराधाम के स्वामी उमेशानंद जी महाराज, स्वामी नारायणा नंद जी महाराज, स्वामी प्रेम तीर्थ जी महाराज, स्वामी सत्यानंद जी महाराज, स्वामी विभूत्यानंद जी महाराज, स्वामी सुनीलानंद जी महाराज, स्वामी उदयनानंद जी महाराज सहित देश भर से जुटे 56 पीठाधीश्वर शामिल थे। आठ महिला नागा सन्यासिनी में श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के इलाहाबाद से महंथ उमा गिरी जी, अयोध्या से महंथ त्रिजटा गिरी, लखनऊ से कृष्णागिरी जी, किरण साध्वी, माहीगिरी पंजाब से भगवान गिरी, मध्य प्रदेश से गिरीजा गिरी, सौहार्द गिरी शामिल थीं। महिला सन्यासी महंथ उमा गिरी ने कहा, सिमरिया धाम तीर्थ स्थल के रूप में विकसित हो। बिहार में सिमरिया धाम सहित अन्य धार्मिक स्थल को विकसित करने की जरूरत है। वहीं जूना अखाड़ा के नागा सन्यासियों में श्री दिगंबर तोतापुरी जी महाराज, महंत विपिनपुरी जी महाराज, शंकरपुरी जी महाराज, राजुपुरी जी महाराज, विक्रमानंद सरस्वती जी महाराज, संतोषपुरी जी महाराज, अर्जुनपुरी जी महाराज, रोहितानंद सरस्वती जी महाराज, माधवानंद सरस्वती जी महाराज, अवधेशपुरी जी महाराज, संतोषगिरी जी महाराज, शिवगिरी जी महाराज, मोहनगिरी जी महाराज, लोहापुरी जी महाराज, अभिमन्युपुरी जी महाराज, गो¨वदपुरी जी महाराज, श्यामपुरी जी महाराज, सुखवासीपुरी जी महाराज, महंत नागदेवपुरी जी महाराज, महंत जर्नादनगिरी जी महाराज, महंत गंगागिरी जी महाराज, थानापति राज राजेश्वरानंद गिरी जी महाराज, नाथ संप्रदाय के संतों में महंत समुद्रनाथ जी महाराज, संजीवानंद जी महाराज, महंत शिवभरणगिरी जी महाराज, महंत नाराय़णगिरी जी महाराज, महंत बुद्धिगिरी जी महाराज, महंत पुरणगिरी जी महाराज, महंत लखनगिरी जी महाराज, महंत राकेश भारती कोतवाल जी महाराज, महंत पर्वतगिरी जी महाराज, ललितपुरी जी महाराज, भरतपुरी जी महाराज, बलरामगिरी जी महाराज, कृष्णापुरी जी महाराज, बाबूपुरी जी महाराज, सुमनपुरी जी महाराज, हनुमानपुरी जी महाराज, दिनेशपुरी जी महाराज, सेवादास जी महाराज, देवभूमि जी महाराज और संकादास जी महाराज शामिल थे। दंडी स्वामियों के दल में नैमिषारण्य से श्रीरामदेव आश्रम जी महाराज, दिनेश आश्रम जी महाराज, लक्ष्यश्रेष्ठ आश्रम जी महाराज, शंकर आश्रम जी महाराज, सुरेश आश्रम जी महाराज, शंभू आश्रम जी महाराज, देवेंद्राश्रम जी महाराज, दयालु आश्रम जी महाराज, कमलेश आश्रम जी महाराज, वेद प्रकाश आश्रम जी महाराज, गंगानंद आश्रम जी महाराज, किशन आश्रम जी महाराज, राजेश आश्रम जी महाराज एवं सीताराम आश्रम जी महाराज थे। जूना अग्नि अखाड़ा दंडी स्वामी नेमी सीतापुर नेमी सारण के गंगा नंद ब्रह्माचारी शामिल थे।
तृतीय शाही स्नान के दौरान गंगा नदी तट पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे एवं बिहार के श्रम संसाधन मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्वामी चिदात्मन जी महाराज को माला पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने सपरिवार गंगा नदी में स्नान किया। इस अवसर पर कुंभ सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. नलिनी रंजन ¨सह, महासचिव रजनीश कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. शशि भूषण ¨सह, उपाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार अमर, डॉ. रामप्रवेश ¨सह, भूमिपाल राय, कॉपरेटिव बैंक के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धनकू, पूर्व मेयर संजय कुमार, सचिव आभा ¨सह, रामाशीष ¨सह, रोहित कुमार, विकास कुमार, बलराम ¨सह, डॉ. बलबन कुमार, शंभू प्रसाद ¨सह, सुरेंद्र ¨सह ,र¨वद्र ब्रह्माचारी, गंगानंद, माधवानंद, सत्यानंद, मीडिया प्रभारी नीलमणि, प्रो पीके झा प्रेम, राजकिशोर ¨सह, उषा रानी, नवीन ¨सह, पटेल ¨सह, दिनेश ¨सह, सुशील ¨सह, गोपालानंद जी, सुलभ ¨सह, कौशलेंद्र ¨सह, नृपेंद्रानंद, संतोषानंद, प्रभात झा, बब्लू ¨सह, राम, लक्ष्मण, श्याम, पंडित शंभू मिश्र, आचार्य नारायण झा, रामेश्वरनंद, सुलभानंद सहित सर्वमंगला परिवार के सदस्य मौजूद थे।