केंद्र की नई शिक्षा नीति पर जमकर बरसे वामपंथी
बेगूसराय। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति किसी भी पहलू से प्रासंगिक नहीं है। सुब्रामण्यम की ि
बेगूसराय। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति किसी भी पहलू से प्रासंगिक नहीं है। सुब्रामण्यम की रिपोर्ट मोदी चालीसा है। शायद ही देश के सबसे प्रगतिशील शिक्षा आयोग कोठारी कमीशन की रिपोर्ट का अध्य्यन किया होगा। उक्त बातें शनिवार को जीडी कॉलेज के सेमिनार हाल में आयोजित एआइएसएफ के 81वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्याध्यक्ष सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद ¨सह ने कहीं। उन्होंने कहा कि सुब्रामण्यम की रिपोर्ट जमीनी हकीकत से पूरी तरह मुंह मोड़ती है। देश में 65 लाख शिक्षकों का पद रिक्त है। मगर सुब्रामण्यम की रिपोर्ट में इससे कोई लेना देना नहीं है। सिर्फ अवैज्ञानिक, अतार्किक, अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली, वैदिक और ज्योतिष की बात करती है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार अमीर घरानों के मुनाफा पहुंचाने के लिए सारे कुर्तकों को पेश कर रही है। एआइएसएफ के पूर्व राज्याध्यक्ष एसएन आजाद ने कहा कि देश का प्रथम छात्र संगठन होने का गौरव एआइएसएफ को प्राप्त है। इस संगठन ने देश के छात्रों को एकत्रित करते हुए इंटरनेशनल यूनियन आफ स्टूडेंट्स की स्थापना की। एआइएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि बेगूसराय की धरती के ही पुत्र का. चन्द्रशेखर ¨सह ने पहले राज्य महासचिव का दायित्व निभाया। उन्होंने कहा कि देश में फैलाई जा रही साम्प्रदायिकता से लड़ने के लिए एआइएसएफ को अग्रणी भूमिका निभानी होगी। विषय प्रवेश कराते हुए को-आपरेटिव कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डा. सीताराम प्रभंजन ने कहा कि संगठन का योगदान छात्र समुदाय के लिए अविस्मरणीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष अमीन हमजा ने की। जबकि मंच संचालन विवि अध्यक्ष रुपक कुमार, स्वागत भाषण जिला सचिव अमित कुमार व धन्यवाद ज्ञापन जिला सह सचिव मुकेश कुमार ने किया। मौके पर जिला उपाध्यक्ष किशोर कुमार, राज्य छात्रा सह संयोजक अमृता कुमारी, नगर अध्यक्ष सजग कुमार, अंचल अध्यक्ष अमरेश कुमार, सचिव शंभू देवा सहित अन्य मौजूद थे।