Move to Jagran APP

तांत्रिक ने मंदिर में मानव बलि देने का किया एेलान, पुलिस-प्रशासन में मचा हड़कंप

बेगूसराय में एक तांत्रिक ने एसडीओ को पत्र लिखा है जिसमें उसने मानव बलि की अनुमित मांगी है और लिखा है कि ये माता का आदेश है। पत्र में उसने जल्द अनुमति देने की बात कही है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 02:09 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 10:49 PM (IST)
तांत्रिक ने मंदिर में मानव बलि देने का किया एेलान, पुलिस-प्रशासन में मचा हड़कंप
तांत्रिक ने मंदिर में मानव बलि देने का किया एेलान, पुलिस-प्रशासन में मचा हड़कंप

बेगूसराय, जेएनएन। मां कामाख्या के भक्त और तंत्र साधना में विश्वास रखने वाले पगला बाबा के नाम से जाने जाने वाले मुफसिल थाना क्षेत्र के मोहनपुर पहाड़पुर निवासी सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने अपने मंदिर में मानव बलि देने की घोषणा कर दी है। इसको ले उन्होंने सदर एसडीओ के नाम आवेदन भी दिया है।

loksabha election banner

तांत्रिक ने पत्र लिखकर उसमें कहा है कि मैं 1998 से मां कामाख्या का उपासक रहा हूं। इसी कारण अपने गांव पहाड़पुर में मां कामाख्या देवी का मंदिर बनाया। 19 मार्च 2004 को उस मंदिर में मां कामाख्या की प्राण प्रतिष्ठा कर दी गयी है। मां कामाख्या के आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि अब सिद्धि प्राप्ति के लिए मानव बलि देने का मां का आदेश हुआ है। मानव बलि के लिए उन्होंने सदर एसडीओ से अनुमति मांगी है। 

शैतान की देंगे बलि

जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे खुद की बलि नहीं देंगे। किसी अच्छे आदमी की भी बलि नहीं देंगे। बल्कि, ऐसा आदमी जो शैतान हो, उसकी बलि देंगे। ऐसे आदमी के संबंध में पूछने पर वे साफ कहते हैं कि मां कामाख्या जिसके लिए आदेश करेंगी, उसी की बलि हम दे देंगे। कहा, तंत्र साधना में मानव बलि आवश्यक है और यह होना ही चाहिए। 

सुर्खियों में बने रहना भी है इनकी नियति

पगला बाबा नाम के सुरेन्द्र सिंह की नियति सुर्खियों में बने रहना भी है। पिछले वर्ष सिमरिया गंगा तट पर लगे अर्धकुंभ का उन्होंने विरोध किया था तथा अखबार के कार्यालयों तक आकर विरोध की बात समाचार पत्र में छपवायी थी। ऐसे तो वे मानव कल्याण के लिए विभिन्न तरह के कथा आदि का भी आयोजन करवाते हैं परंतु कभी कपड़ा पहन कर, तो कभी किसी जगह नंगा होकर भी वे पहुंच जाते हैं। हाथ में आदमी की खोपड़ी साथ लेकर चलने में भी इन्हें कोई हिचक नहीं है। 

मानसिक रूप से बीमार मानते हैं ग्रामीण

ग्रामीणों की बात करें तो ऐसी हरकतों के कारण ही इनका नाम सुरेन्द्र सिंह की जगह लोगों ने पगला बाबा रख दिया है। कभी मंदिर निर्माण तो कभी राम कथा का आयोजन करने वाले पगला बाबा को गांव के लोग मानसिक रूप से बीमार मानते हैं। 

नहीं मिला आवेदन, होगी सख्त कार्रवाई : एसडीओ

बेगूसराय सदर एसडीओ संजीव कुमार चौधरी ने कहा कि अभी तक उनके कार्यालय में इससे संबंधित कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। अन्य स्त्रोतों से सूचना मिली है। पुलिस उनकी खोज कर रही है। किसी भी स्थिति में इस विज्ञान के युग में मानव बलि की बात करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.