अस्पताल में स्लाइन भी चढ़ा, बेड पर ही झाड़-फूंक भी हुआ; पर नहीं बचे तीनों लड़के
बिहार के बेगूसराय के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के श्रीनगर गांव में उस समय कोहराम मच गया जब देखते ही देखते ही आंखों के सामने तीन लड़कों ने दम तोड़ दिया।
बेगूसराय, जेएनएन। बेगूसराय के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के श्रीनगर गांव में उस समय कोहराम मच गया, जब देखते ही देखते ही आंखों के सामने तीन लड़कों ने दम तोड़ दिया। इलाज से लेकर झाड़-फूंक तक कराया, लेकिन कुछ काम नहीं आया। तीनों लड़कों में दो सहोदर भाई था, तो तीसरा दोनों का भगीना था। संदिग्ध हालत में तीनों की हुई मौत को काेई सर्प दंश का नाम दे रहा है तो कोई नशाखुरानी की करतूत। पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद मौत पर से रहस्य हटने की उम्मीद है। लेकिन इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, श्रीनगर निवासी जनार्दन यादव उर्फ जानो यादव के 16 वर्षीय पुत्र देवव्रत कुमार उर्फ भोला, 14 वर्षीय पुत्र सीताराम उर्फ दिलखुश व खगडिय़ा जिले के राजाजान ग्राम निवासी अर्जुन यादव के 10 वर्षीय पुत्र आर्यन ने अचानक पेट में तेज दर्द होने की शिकायत की। असहनीय दर्द होने पर परिजन तीनों को इलाज के लिए पीएचसी ले जाने लगे। इस क्रम में गांव के मल्हीपुर चौक तक पहुंचते ही आर्यन की मौत हो गई। वहीं दिलखुश ने भी पीएचसी पहुंचते ही दम तोड़ दिया।
सर्पदंश या विषाक्त भोजन पर हो रही चर्चा
दो की मौत के बाद हताश परिजन तीसरे किशोर देवव्रत को इलाज के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल में भर्ती कराये, जहां सुबह में उसकी भी मौत हो गई। एक परिवार के तीन बच्चों की मौत के बाद घर की महिलाएं रो-रो कर बेसुध हैं। मौत के कारणों का खुलासा नहीं होने से लोगों में संशय व भय का माहौल बना है। रात का खाना परिवार के सभी सदस्यों ने साथ खाया था। इस पर तीन बच्चों की ही तबीयत बिगडऩे की बात लोगों के समझ से परे है। मौत की वजह अगर सर्पदंश है तो एक साथ तीन किशोरों को डंसे जाने की बात भी लोगों को हजम नहीं हो रही है।
झाड़-फूंक से भी नहीं बच सकी देवव्रत की जान
साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के श्री नगर गांव में अज्ञात कारणों से तीन किशोर की तबीयत बिगडऩे व दो की मौत के बाद परिजनों ने तीसरे किशोर 16 वर्षीय देवव्रत की जान बचाने के लिए झाड़-फूंक का भी सहारा लिया। सदर अस्पताल में ओझा की जुगत भी काम नहीं आ सकी और कुछ ही देर में उसने भी दम तोड़ दिया। मंगलवार की देर रात एक की परिवार के तीन किशोरों की तबीयत बिगडऩे और बुधवार को दो की मौत हो जाने के बाद परिजन तीसरे किशोर को इलाज के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल में भर्ती कराये। यहां अस्पताल में सर्पदंश की दवा देकर इलाज शुरू किया गया, लेकिन पूर्व में दो किशोर की मौत से अधीर परिजनों ने झांड-फूंक का अंतिम नुस्खा भी यहां आजमाया। उसी सरकारी अस्पताल के बेड पर पानी भी चढ़ता रहा और ओझाा झाड़ फूंक भी करता रहा। अंधविश्वास में पड़े परिजन इस उम्मीद में थे कि इसके बाद देवव्रत की जान बच जाएगी, लेकिन ओझा-गुनी का टोटका भी नाकाम रहा और किशोर की जान नहीं बचाई जा सकी।
पुलिस ने शुरू की जांच
इधर, थानाध्यक्ष सुदीन राम ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि जहरखुरानी के एंगल से भसी मामले की जांच की जा रही है। क्षेत्र में तीन किशोरों की संदिग्ध मौत चर्चा का विषय बना है। स्थानीय लोग दैविक प्रकोप की भी चर्चा कर रहे हैं। हांलाकि मौत के कारणों का खुलासा तीनों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा। थानाध्यक्ष ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जांच की दिशा तय किए जाने की बात कही है।
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