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आशा की हड़ताल का दिखने लगा असर

बेगूसराय। जब तक राज्य सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है हमारा आन्दोलन जारी रहेगा। इसी नारे को दुहराती हुई रेफरल अस्पताल के मुख्य गेट पर लगातार 37वें दिन बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले आशा हड़ताल पर डटी रहीं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 04:25 PM (IST)
आशा की हड़ताल का दिखने लगा असर
आशा की हड़ताल का दिखने लगा असर

बेगूसराय। जब तक राज्य सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है हमारा आन्दोलन जारी रहेगा। इसी नारे को दुहराती हुई रेफरल अस्पताल के मुख्य गेट पर लगातार 37वें दिन बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले आशा हड़ताल पर डटी रहीं। इस मौके पर आशाकर्मियों ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांग नहीं मानेगी तब तक हमारी हड़ताल भी जारी रहेगी। मौके पर आशा संघ की प्रखंड अध्यक्ष चंद्र रेखा देवी, ¨मटू देवी, सरिता देवी, मीरा देवी, सुनीता कुमारी, निशा देवी, सुनीता देवी, मीना देवी, वीणादेवी आदि मौजूद थीं। आशा की हड़ताल का असर भी दिखने लगा है। नवंबर महीने में जहां मटिहानी रेफरल सह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 349 प्रसव करवाया गया जो आशा कार्यकर्ताओं को हड़ताल पर रहने के कारण दिसंबर में घटकर 230 पर आ गई। वहीं आशा के हड़ताल पर रहने के कारण जनवरी माह में भी प्रसव कराने की संख्या में कमी आई है। हड़ताल की वजह से प्रसव पीड़ित रोगियों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रेफरल अस्पताल मटिहानी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी संतोष कुमार झा और स्वास्थ्य प्रबंधक श्रीमोद कुमार ने बताया कि दिसंबर महीने में फैमिली प्ला¨नग का टारगेट लगभग ढाई सौ था जो कि 73 ही हो सका। आशा कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर जाने के कारण प्रसव पीड़ा और फैमिली प्ला¨नग में कमी आई है।

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