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आइआइटी और यूजीसी जैसी संस्थानों के जनक हैं मौलाना आजाद

बेगूसराय : स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद के के कार

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 07:03 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 07:03 PM (IST)
आइआइटी और यूजीसी जैसी संस्थानों के जनक हैं मौलाना आजाद
आइआइटी और यूजीसी जैसी संस्थानों के जनक हैं मौलाना आजाद

बेगूसराय : स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद के के कार्यों को देश कभी नहीं भुला सकता। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ऐसे संस्थानों की स्थापना की, जो दुनिया की शिक्षा को आज तक टक्कर दे रहे हैं। इसमें भारतीय प्रद्योगिकी संस्थान'अर्थात आइआइटी और'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। उक्त बातें रविवार को मौलाना आजाद की 130वीं जयंती समारोह का संबोधित करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष अर्जुन ¨सह ने कही।

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बरौनी प्रखंड के उप प्रमुख डॉ. रजनीश कुमार ने कहा कि मौलना आजाद ने शिक्षा और संस्कृति को विकिसित करने के लिए उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की जिसमें संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, ललितकला अकादमी सहित अन्य शामिल हैं। सर्वप्रथम पार्टी के नेताओं ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मौके पर रामस्वरूप पासवान, शांति स्वामी, कमर अंसारी, ओमप्रकाश ¨सह, अशोक राय, विजयश् ¨सह, नवल राय, मुन्ना कुमार, मो. रूहुल्ला सहित अन्य मौजूद थे। शहीद सुखदेव ¨सह समन्वय समिति द्वारा सर्वोदयनगर में मौलाना आजाद की जयंती पर एक कार्यक्रम आयोजित की गई। जिसमें वक्ताओं ने उन्हें महान स्वतंत्रता सेनानी और देश की एकता कायम रखने में अपनी मिसाल आप करार दिया। अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार ¨सह ने की। मौके पर फिल्म अभिनेता अमिय कश्यप, जदयू नेता अब्दुल हलीम, डॉ. चन्द्रशेख चौरसिया, राजेंद्र महतो, राजीव कुमार उर्फ मुन्ना, डॉ. एमएम रहमानी, डॉ. शैलेंद्र कुमार ¨सह सहित अन्य मौजूद थे। अंजुमन उर्दू तरक्की बेगूसराय द्वारा मदरसा बदरुल इस्लाम कचहरी रोड में मौलाना आजाद की जयंती पर एक मकाला कार्यक्रम आयोजित किया गया। वक्ताओं ने बताया कि मौलाना का जन्म 11 नवम्बर 1888 को मक्का शहर में हुआ था। दुनिया के विभिन्न देशों में शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत वे अपने पिता के साथ कलकता आये। गांधी जी की भाषण से प्रभावित होकर वे राजनीति में आए थे। मौके पर पीपी मंसूर आलम, अंजुमन के सचिव हाफिज रुहुल्लाह सहित अन्य मौजूद थे।


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