भिक्षाटन के पैसों से शौचालय बना रहे हैं दिव्यांग दंपती
(बेगूसराय) : स्वच्छता को ले सरकार व जिला प्रशासन के जागरूकता अभियान का ही शायद असर हो सकता है कि भोज
(बेगूसराय) : स्वच्छता को ले सरकार व जिला प्रशासन के जागरूकता अभियान का ही शायद असर हो सकता है कि भोजन के लिए भीख मांगने वालों ने भी शौचालय को आवश्यक आवश्यकता माना। ऐसे लोग भिक्षाटन के पैसे से खुद के लिए शौचालय निर्माण कर रहे हैं। इसका एक उदाहरण गढ़पुरा प्रखंड की रजौड पंचायत में देखने को मिला है। जहां एक दिव्यांग दंपती सकडा गांव निवासी रामविलास साह भिक्षाटन के पैसों से शौचालय निर्माण कार्य प्रारंभ कर लोगों में अपनी एक अलग छाप छोड़ दी है। रामविलास जन्म से ही दोनों आंख से अंधे एवं उनकी पत्नी पैर से दिव्यांग हैं। पत्नी बिना बैशाखी के सहारे नहीं चल पाती है। बातचीत के क्रम में इस दंपती ने कहा कि हम गरीब हैं। भीख मांग कर अपना गुजर करते हैं। खुद अंधे व पत्नी के विकलांग होने के कारण बाहर शौचालय जाने में परेशानी होती थी। पैसे नहीं रहने के कारण कुछ कर नहीं पा रहे थे। परंतु सरकार व जिला प्रशासन के जागरूकता अभियान से हमें भी लगा कि शौचालय निर्माण जरूरी है और घर में शौचालय बन जाने से हम दोनों को काफी सहूलियत होगी। उन्होंने साफ कहा कि भिक्षाटन के पैसे से ही शौचालय बना रहे हैं। भले ही बाद में सरकार पैसा दे। राम विलास कहते हैं कि वे समस्तीपुर-सहरसा रूट की ट्रेन में बराबर डफली बजा कर गीत गाते हुए लोगों से भीख मांगा करते हैं। कहा, ट्रेनों में भी लोगों के बीच शौचालय बनाने की बात होती रहती है और हम उसे भी सुनते रहता हूं। बताया, गांव के डीलर के यहां जब राशन किरासन लेने गए, तो डीलर ने भी कहा कि जिसको शौचालय नहीं होगा, उसका राशन-किरासन बंद हो जाएंगे। कहा, इन सभी बातों के बाद सोचा कि शौचालय बनाना बहुत जरूरी है। सरकार का यह अच्छा काम है। शौचालय बनाएंगे तो सरकार सहायता भी देगी। उन्होंने आम लोगों से भी शौचालय बनाने की अपील की। कहा, गंदगी नहीं फैलेगी, तो बीमारी कम होगी। डीएम राहुल कुमार ने किया ट्वीट
इस दिव्यांग दंपती द्वारा भिक्षाटन के पैसे से शौचालय निर्माण कार्य प्रारंभ करने पर डीएम राहुल कुमार ने ट्वीट किया है कि आंखों की रोशनी का अभाव भी आड़े नहीं आया और गढ़पुरा प्रखंड की रजौड़ पंचायत के वार्ड संख्या- 7 निवासी रामविलास साह मिशन गरिमा से प्रेरित होकर शौचालय निर्माण के लिए गड्ढ़ा खोदकर एक प्रेरणादायी उदाहरण पेश किया है। नमन है उनके जीवट को।