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दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में प्रमिला की गई जान

नावकोठी बेगूसराय। नावकोठी के समसा में शुक्रवार की रात गैंगवार में एक महिला की जान चली गई जबकि उसके पति अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। घटना के संबंध में स्वजनों ने बताया कि लगभग साढ़े सात बजे शाम मकसूदन महतो और उनकी पत्नी प्रमिला देवी घर में बैठी हुई थी। इसी दौरान आधा दर्जन बदमाशों ने उनके घर के दरवाजे पर आकर पुकारा। आवाज सुनकर जैसे ही दोनों पति-पत्नी बाहर निकले बदमाशों ने दोनों को एक- एक गोली मार दी। मकसूदन महतो को छाती तथा प्रमिला देवी को पेट में गोली लगी। दोनों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नावकोठी लाया गया जहां डॉक्टर केके यादव ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए बेगूसराय भेज दिया। रास्ते में प्रमिला देवी की मौत हो गई जबकि मकसूदन महतो को निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया है। नावकोठी थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने शव को पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को सुपुर्द कर दिया। शव के समसा आते ही स्वजनों में कोहराम मच गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 05:36 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 06:27 PM (IST)
दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में प्रमिला की गई जान
दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में प्रमिला की गई जान

नावकोठी, बेगूसराय। नावकोठी के समसा में शुक्रवार की रात गैंगवार में एक महिला की जान चली गई, जबकि उसके पति अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। घटना के संबंध में स्वजनों ने बताया कि लगभग साढ़े सात बजे शाम मकसूदन महतो और उनकी पत्नी प्रमिला देवी घर में बैठी हुई थी। इसी दौरान आधा दर्जन बदमाशों ने उनके घर के दरवाजे पर आकर पुकारा। आवाज सुनकर जैसे ही दोनों पति-पत्नी बाहर निकले बदमाशों ने दोनों को एक- एक गोली मार दी। मकसूदन महतो को छाती तथा प्रमिला देवी को पेट में गोली लगी। दोनों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नावकोठी लाया गया, जहां डॉक्टर केके यादव ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए बेगूसराय भेज दिया। रास्ते में प्रमिला देवी की मौत हो गई, जबकि मकसूदन महतो को निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया है। नावकोठी थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने शव को पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को सुपुर्द कर दिया। शव के समसा आते ही स्वजनों में कोहराम मच गया। बखरी पुलिस निरीक्षक राम स्वार्थ पासवान, थानाध्यक्ष नावकोठी संतोष कुमार, एएसआइ नावकोठी महेश प्रसाद सिंह, बखरी सहायक अवर निरीक्षक राजेश कुमार, परिहारा अवर निरीक्षक सत्येन्द्र कुमार भी मौजूद थे। मृतक के दो पुत्रों में पप्पू कुमार साइंस की कोचिग सेंटर समसा में ही चला रहा था। वहीं दूसरा पुत्र गणपत सहरसा में है। चार पुत्रियों में गंगा और रीना की शादी हो चुकी है। जबकि दो पुत्रियां सरस्वती चौदह और पार्वती सोलह वर्ष की हैं। सहरसा में रहने वाले पुत्र का लोग इंतजार कर रहे हैं। करुण क्रंदन से वहां का वातावरण गमगीन हो गया। डरे सहमे स्थानीय लोग दबे जुबान से बोल रहे हैं कि इस गांव में किसी का भी किसी समय जान जा सकता है। सरस्वती और पार्वती पर तो दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनका रो- रोकर बुरा हाल हो गया। मकसूदन महतो की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। वो ठीका- बटाई खेत जोत कर परिवार चलाते हैं। समसा स्कूल चौक पर सब्जी भी बेचा करते हैं। स्वजनों ने बताया कि किसी से अदावत नहीं थी। यो समसा में दो अपराधिक गुटों के बीच हो रही वर्चस्व की लड़ाई में इस पर एक गुट के लोगों की मुखबिरी करने की भी बात लोग कह रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि एक गुट के लोगों की खेती बाड़ी करता था। हत्या के कारणों को इससे भी जोड़ा जा रहा है। इतना ही नहीं भूमि विवाद में विरोधी पक्ष के लोगों का एक अपराधिक गुटों से मिलना भी इस हत्या के तात्कालिक कारणों से जोड़ा जा रहा है।

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