बरौनी जंक्शन के प्लेटफार्मो पर सुविधाओं का घोर अभाव
बेगूसराय। रेलवे का स्लोगन रेलयात्रियों की सुविधा मुस्कान के साथ। यह बरौनी जंक्शन पर यात्रियों को खुलेआम मुंह चिढ़ाता दिख रहा है।
बेगूसराय। रेलवे का स्लोगन रेलयात्रियों की सुविधा मुस्कान के साथ। यह बरौनी जंक्शन पर यात्रियों को खुलेआम मुंह चिढ़ाता दिख रहा है। जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या दो एवं तीन की बात करें तो यहां एक भी पंखा नहीं लगाया गया है। अन्य प्लेटफार्मो की तरह इस प्लेटफार्म पर वाटर फ्रीजर एवं स्टॉल नहीं होने से यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हे। इस भीषण गर्मी में ठंडे पानी के लिए रेलयात्रियों को ऊंची कीमत पर बोतल बंद पानी खरीदना पड़ रहा है।
टिकट घर में भी नहीं है एक भी वाटर पोस्ट : बरौनी जंक्शन के मुख्य टिकट घर परिसर में पानी का एक भी वाटर पोस्ट नहीं है। जबकि देश के विभिन्न हिस्सों में रेल सफर के लिए सुदूर गांवों से बड़ी संख्या में प्रतिदिन हजारों की संख्या में यहां लोग आते हैं और अपने-अपने गंतव्य की ओर जाते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि जंक्शन का मुख्य प्रवेश द्वार जो करीब चार सौ मीटर में फैला है, इसके परिसर में पूछताछ काउंटर, जेनरल टिकट घर, द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय, आरक्षण काउंटर, बाइक स्टैंड एवं टैक्सी स्टैंड, तीन एटीएम आदि स्थित है। इस कारण 24 घंटे बड़ी संख्या में यात्रियों का आना जाना लगा रहता है। परंतु, यहां रेलयात्रियों के लिए किसी भी प्रकार के पीने का पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां भी प्यास बुझाने के लिए यात्रियों को अपनी जेबें ढीली करनी पड़ती है। रेलयात्रियों को मुंह चिढ़ा रहा बंद आरओ कांउटर : बरौनी जंक्शन के प्लेटफॉर्म दो-तीन पर यात्री इस भीषण गर्मी में प्यास बुझाने को शेड के बाहर लगी टूटे फूटे नलकूप का गर्म पानी पीने को विवश हैं। प्लेटफार्म पर आरओ काउंटर भी नाम का ही लगा है जो फिलवक्त बंद पड़ा था। यहां रेलयात्री सीलबंद बोतल की पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं।
यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी को लेकर हर माह मंडल अधिकारियों का होता है निरीक्षण : बरौनी जंक्शन पर यात्री सुविधा में बढ़ोतरी को लेकर प्रत्येक माह सोनपुर मंडल की कौन कहे, हाजीपुर जोन के अधिकारियों का भी निरीक्षण के नाम पर लगातार दौरा होता रहता है। बावजूद वर्षों निरीक्षण करने के बाद भी उनकी नजर इस ज्वलंत मुद्दों पर क्यों नहीं जा पाती है, यह चिता का विषय बना है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंडल के अधिकारी हों या हाजीपुर जोन के, सभी अपने निरीक्षण का कोरम पूरा कर चलते बनते हैं। इसका खामियाजा रेल को उचित भाड़ा देने के बावजूद रेलयात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।