खाता में हेराफेरी करने पर सरगना समेत चार गिरफ्तार
बैंक खाता के माध्यम से हेराफेरी करने को लेकर शहर के हर्रख मोहल्ला स्थित केनरा बैंक के शाखा प्रबंधक की शिकायत पर नगर थाना पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बेगूसराय। बैंक खाता के माध्यम से हेराफेरी करने को लेकर शहर के हर्रख मोहल्ला स्थित केनरा बैंक के शाखा प्रबंधक की शिकायत पर नगर थाना पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में बलिया थाना क्षेत्र के फुलवड़िया निवासी योगेंद्र शाह का पुत्र राजा बाबू, रंजीत यादव का पुत्र सोनू कुमार, पोखड़िया निवासी सिकंदर यादव का पुत्र इंदल कुमार एवं खगड़िया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र निवासी ¨प्रस कुमार शामिल हैं। बैंक प्रबंधक भगवानपुर थाना क्षेत्र के महेशपुर निवासी अरुण कुमार राय ने नगर थाना को दिए आवेदन में बताया है कि राजा बाबू ने उनकी शाखा में बीते 21 जून को एक खाता खुलवाया था। 14 सितंबर को वह खाता बंद करने की बात कही। उन्होंने जब उससे पूछा कि वह खाता क्यों बंद करना चाहते हैं और अब तक खाता से कितने का ट्रांजेक्शन किया तो उसने बताया कि अब तक महज 15 सौ रुपये ही ट्रांजेक्शन किया है। जबकि उसके बैंक खाता की जांच की गई तो 21 जून से लेकर 14 सितंबर तक में कुल सात लाख 13 हजार 53 रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया था। जिसको लेकर राजाबाबू द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें शक हुआ और उन्होंने राजा बाबू को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ के क्रम में उसने बताया कि सोनू कुमार, इंदल कुमार एवं ¨प्रस कुमार ने मिलकर उसे लालच देकर खाता खुलवाया था। परंतु, खाता का एटीएम व पिन अपने पास रख लिया तथा उक्त खाता से एटीएम के माध्यम से उक्त रुपये की निकासी की। ठगी कर खाते में मंगाते थे पैसे
नगर थानाध्यक्ष त्रिलोक कुमार मिश्रा ने बताया कि पूछताछ के क्रम में आरोपितों ने बताया कि वे लोग फर्जी फोन कॉल के माध्यम से लोगों को लॉटरी लगने की लालच देकर टोकन मनी के रूप में रुपये उक्त बैंक खाता में ट्रांसफर करवाते थे। रुपये खाता में आते ही वे लोग एटीएम से निकाल लेते थे। थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरोह द्वारा इसी प्रकार से अलग-अलग बैंकों में भोले भाले लोगों के कागजात के आधार पर खाता खुलवाया जाता है। बाद में उन खातों में उसी प्रकार फर्जीवाड़ा कर रुपये मंगवाया जाता है तथा बाद में पकड़े जाने के डर से बैंक खाता को बंद करा दिया जाता है। अगर बाद में पुलिस बैंक खाता में जमा कागजात के आधार पर खाता धारक को पकड़ती भी है तो बेवजह उक्त भोला-भाला खाताधारक व्यक्ति मुकदमों में फंस जाता है। वहीं गिरोह के लोग फरार हो जाते हैं।