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विकास तो हुआ पर मूलभूत समस्याएं जस की तस

बेगूसराय प्रखंड मुख्यालय चेरिया बरियारपुर से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर सकरबासा पंच

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 10:04 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 10:04 PM (IST)
विकास तो हुआ पर मूलभूत समस्याएं जस की तस
विकास तो हुआ पर मूलभूत समस्याएं जस की तस

बेगूसराय : प्रखंड मुख्यालय चेरिया बरियारपुर से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर सकरबासा पंचायत स्थित है। इस पंचायत में विकास नहीं दिख रहा है। यहां के लोगों को बीपीएल की बात तो दूर, सामान्य राशन कार्ड भी उपलब्ध नहीं हुआ है।

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बताते चले कि दो राजस्व गांव सहित सात वार्ड को जोड़कर इस पंचायत का निर्माण किया गया है। इसमें सबसे बुरा हाल वार्ड सात का है। यहां की अधिकांश सड़कें और गलियां उद्धारक की बाट जोह रही है। इसी गांव का एक मोहल्ला जो महादलितों का है, आज भी दंबगों की दबंगई से जूझ रहा है। उनकी सिसकती जिदगी में मरहम लगाने की बात तो दूर, वे पारिवारिक सूची से लेकर राशन- केरोसिन से भी वंचित हैं। समस्याओं का अंबार सकरबासा गांव जहां संमृद्धि बास करती है और वहीं सबसे बड़ी समस्या जल निकासी की है। हल्की बारिश में ही गांव का मुख्य चौराहा जलमग्न हो जाता है। कुछ जगहों पर नाला का निर्माण भी हुआ है, परंतु वह भी बेकार साबित हो रहा है। वार्ड चार में बजबजाती गंदगी पंचायत के विकास की पोल खोलने के लिए काफी है। यहां स्थित आंगनबाड़ी केंद्र भी नकारा साबित हो रहा है। पंचायत में स्थित पांच आंगनबाड़ी केंद्र में से एक भी केंद्र सुचारू रूप से नहीं चलता है। जनवितरण प्रणाली का रोना अलग है। वार्ड संख्या एक मुशहरी टोल जहां पर ज्यादातर कमजोर वर्ग के लोग रहते हैं, यहां पर बड़ा हरिजन कॉलोनी है, जो काफी जर्जर हो चुका। लोग हादसे के भय से घर के बाहर सोते हैं। वार्ड संख्या- दो में जमींदारों की संख्या तो है, लेकिन दलितों की हालत बड़ी बुरी है। सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। पानी में आर्सेनिक और आयरन की अधिकता रहने से पेयजल दूषित है। यहां कबीर अंत्येष्टी एवं कन्या विवाह के अधिकांश लाभार्थी को लाभ नहीं मिल सका है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से ज्यादातर मुसहर जाति के लोग वंचित हैं। सिचाई के लिए लगाए गए दो स्टेट ट्यूबेल में से एक बंद है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा का बुरा हाल है। आजादी के 68 वर्ष बाद भी यहां एक उपस्वास्थ्य केंद्र नहीं बन सका है। जागरुकता का घोर अभाव है।

ग्रामीण मैकू शर्मा : पंचायत में चहुंओर समस्या का अंबार है। लोगों में जागरुकता नहीं रहने के कारण दबे-कुचले लोग उपेक्षित रह गए। इस कार्यकाल में विकास का काम हुआ है। आशा के अनुरूप रहा तो पंचायत का विकास हो सकता है।

मो. क्याम : यहां पर समस्याओं का अंबार है। फिर भी इस कार्यकाल में काम हुआ है जो न के बराबर है। यहां की मूलभूत समस्याएं जस की तस पड़ी हुई है। इसका निदान होना चाहिए।

जीवछ यादव : यहां पर सबसे बड़ी समस्या पेयजल और अतिक्रमण का है। यहां का पानी पीने योग्य नहीं है और अतिक्रमणकारी का हौसला बुलंद रहने के कारण सड़कों पर जल जमाव विकराल समस्या बन गई है।

गौतम ठाकुर : पंचायत का एक वार्ड ऐसा है जहां के मजलूम रोजाना पीस रहे हैं। वहां पर विकास की बात करना बेमानी है। जरूरतमंदों को राशन तक नहीं मिलता है और गैर जरूरतमंद कोठियां भर रहे हैं। एपीएल और बीपीएल की समीक्षा कर विकास के नए आयाम देने की मांग हम सरकार से करते हैं, ताकि समतामूलक समाज बनें।

मुखिया सुजीत कुमार पासवान : पहली बार लोगों ने विश्वास दिया और उसपर काम करने की कोशिश की है। भेदभाव रहित निष्पक्ष होकर जनता की सेवा किया हूं। आगे भी आशीर्वाद मिला तो विकास करने की कोशिश करुंगा।

एक नजर

जनसंख्या : 8985

मतदाता की संख्या : 4400

वार्ड की संख्या : 07

परिवार की संख्या : 1423

लिग अनुपात : 908

प्राथमिक विद्यालय : 03

मध्य विद्यालय : दो

उच्च विद्यालय : एक

साक्षरता दर : 62.02


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