बखरी में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
बखरी प्रखंड के राजकीयकृत मध्य विद्यालय घाघरा में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया।
बेगूसराय। बकार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए शिक्षक बसंत कुमार ने कहा कि मानव जीवन में अपनी मातृभाषा का खास महत्व है। मातृभाषा परिवार और समाज से लोगों को जोड़ने का काम करती है। उन्होंने कहा, भारतवर्ष में कुल 1535 मातृभाषाएं हैं जो देश की भाषाई विरासत की समृद्धि को दर्शाती है। प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए मातृभाषा को ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है। शिक्षक ने बच्चों को बताया कि 21 फरवरी 1952 को बांग्लादेश की राजधानी ढ़ाका में कई छात्रों ने बांग्ला को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग को लेकर पुलिस की गोलियां खाकर शहादत दी थी। उसी स्मृति में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा उक्त दिवस को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने भी कहा था, अपनापन सिर्फ मातृभाषा में ही झलकता है। मौके पर शिक्षक तौसीफ आलम, प्रतिमा ¨सह, सज्जन सदा, अनिल कुमार, रामाशीष पासवान, सुमन सहनी आदि ने बच्चों को बिहार राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाने वाली भोजपुरी, मैथिली, अंगिका, वज्जिका, मगही आदि के बारे में विस्तार से बताया।