अधिनियम का सफल क्रियान्वयन सर्वोच्च प्राथमिकता : डीएम
बेगूसराय : डीएम मो. नौशाद युसूफ ने कहा है कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनिय
बेगूसराय : डीएम मो. नौशाद युसूफ ने कहा है कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 का सफल क्रियान्वयन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी अधिकारियों को इस संबंध में प्रदत्त निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनश्चित करने को कहा है। डीएम ने अधिनियम एवं उससे संबंधित इकाई की भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत जनता को नियत समय सीमा के अंदर लोक शिकायत निवारण का अधिकार है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इस विषय पर संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करने को भी कहा है। डीएम ने कहा है कि इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य आम लोगों की शिकायतों के निवारण की सु²ढ़ कार्यप्रणाली विकसित करना है। अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए पद संरचना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के रूप में अधिसूचित किया गया है। वहीं प्रमंडलीय आयुक्त, संबंधित विभागीय सचिव, प्रधान सचिव एवं विभागीय जांच आयुक्त क्रमश: प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय प्राधिकार तथा पुनर्रीक्षण प्राधिकार होंगे। जानकारी दी कि अनुमंडल स्तर पर अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की पदस्थापना की गई है। अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण, जिला पदाधिकारी एवं प्रमंडलीय आयुक्त क्रमश: प्रथम अपीलीय प्राधिकार, द्वितीय अपीलीय प्राधिकार एवं पुनर्रीक्षण प्राधिकार होंगे। सभी स्तरों पर परिवाद, अपील के निवारण व विनिश्चय के लिए अधिकतम समय सीमा 60 कार्य दिवस निर्धारित किया गया है। यह भी जानकारी दी है कि सेवारत अथवा सेवनिवृत लोक सेवकों के सेवा मामलों से संबंधित मामले, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अधीन का कोई मामला, बिहार सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 के अधीन अधिसूचित सेवाओं से संबंधित शिकायत, किसी न्यायालय या अभिकरण की अधिकारिता वाले मामले इसके तहत परिवाद की श्रेणी में शामिल नहीं होगा। इस अधिनियम के तहत लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय के निर्धारित काउंटर, डाक, ई-मेल, आन लाइन पोर्टल, मोबाइल, ऐप, एसएमएस तथा काल सेंटर द्वारा भी परिवाद दायर किया जा सकता है।