पुस्तकालय तालाब को बचाने की मुहिम तेज
(बेगूसराय) : इस धरती को जल संकट से बचाने की दैनिक जागरण की मुहिम रंग लाने लगी है। अखबार
(बेगूसराय) : इस धरती को जल संकट से बचाने की दैनिक जागरण की मुहिम रंग लाने लगी है। अखबार द्वारा चलाए गए अभियान तलाश तालाबों की के बाद जन जागरूकता बढ़ी है। जल समस्या को लेकर लोग फिक्रमंद हुए हैं और धरातलीय जल के मुख्य श्रोत तालाब को बचाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। बखरी का ऐतिहासिक पुस्तकालय तालाब की महत्ता को बनाए रखने के लिए लोगों में चर्चा हो रही है। पुस्तकालय तालाब बखरी नगर की धार्मिक एवं सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। वर्ष भर उसमें उपलब्ध रहने के कारण लोगों के धार्मिक संस्कार से लेकर नहाने, धोने की जरूरत यही पूरी होती है। तालाब के मुहानों पर कई मठ, मंदिर एवं सामाजिक संस्थानों के साथ उंचे छायादार वृक्षों के कारण यह नगर का सबसे रमणिक स्थान भी है।जहां सुबह से लेकर देर रात तक थके मांदे लोग शारीरिक व मानसिक आराम पाते हैं। पर इस महत्ता के बावजूद यह तालाब अतिक्रमण का शिकार है। इस के मुहाने ढह कर धराशायी हो रहे हैं। तालाब का जल विषाक्त हो गया है। तालाब की इन समस्याओं को लेकर पुस्तकालय प्रबंधन से लेकर आम आवाम ने कोशिशें आरंभ कर दी है। लोग प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर उन्हें इस अभियान से जोड़ने की मुहिम में लगे हैं।
तालाबों की दुर्दशा पर लोग ¨चतित
तालाब की दुर्दशा से ¨चतित नगर के प्रबुद्ध लोगों ने इसके समाधान की खोज के लिए गुरुवार को एक बैठक की। स्थानीय तौलिक वैश्य भवन में बैठक की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रामशंकर पासवान ने कहा कि जल संकट धरती की गंभीर समस्या बनती जा रही है। जल के संरक्षण में तालाब की महत्वपूर्ण भूमिका है। पर्यावरण के लिहाज से ही नहीं बल्कि क्षेत्र के लोगों के जल की आवश्यकता की पूर्ति के लिए पुस्तकालय तालाब अहम है। बैठक में उपस्थित लोगों ने तालाब के संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण के लिए प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से सहयोग पर बल दिया। लोगों ने तालाब में कचड़ा डालने वालों पर कड़ी नजर रखने का आह्वान किया। साथ ही धराशायी हो रहे मुहानों को बचाने के लिए अविलंब कदम उठाने पर जोर दिया। बैठक में नीरज नवीन, पुस्तकालय के सचिव संतोष गुड्डु, तैलिक वैश्य संघ के सचिव भूषण साह, अमरनाथ पाठक, राजीव वर्मा, अंकित ¨सह, नीतेश ¨सह, अमित कुमार देव आदि ने तालाब के उद्धार के लिए संकल्प लिया एवं इस दिशा में अविलंब कार्यारंभ करने की बात कही।
पुस्तकालय प्रबंधन ने भी बढ़ाया कदम
तालाब को बचाने तथा उसके सौंदर्यीकरण के लिए पुस्तकालय प्रबंधन भी सक्रिय हो गया है। सचिव संतोष गुड्डु ने बताया कि इस बाबत जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन से संपर्क किया जा रहा है। इसके बचाव के लिए जो भी बन पड़ेगा किया जाएगा। सचिव ने जनप्रतिनिधियों द्वारा पूर्व में किए गए वादों पर खड़ा नहीं उतरने पर ¨चता व्यक्त की। कहा, पुस्तकालय के स्थापना दिवस पर सांसद द्वारा तालाब के सौंदर्यीकरण एवं मुहाने व सीढ़ी निर्माण कार्य की अनुशंसा की थी जो अब तक पूरी नहीं हो सकी है। सचिव ने बताया कि पूर्व में भी सांसद एवं विधायक निधि से तालाब में सीढ़ी निर्माण एवं मुहाने को ढहने से बचाने के लिए तालाब के चारों ओर अवरोध दीवार का निर्माण कराया गया था। परंतु, ठेकेदारी प्रथा के कारण गुणवत्ता के अभाव में वे सभी दीवारें तालाब में धराशायी हो गई। इसलिए तालाब के अस्तित्व को बचाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
कहते हैं लोग
1. सूरज कुमार पासवान ने कहा कि पोखर की रक्षा हमार दायित्व है। हम इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
2. शंकर पंडित ने कहा तालाब समाज के लिए बहुत जरूरी है। अत: इसकी रक्षा होनी चाहिए। इसके लिए क्षेत्र के सभी को आगे आकर कार्य करने की आवश्यकता है।
3. शिक्षक दानेश्वर प्रसाद ने जागरण के पहल की सराहना करते हुए तालाबों की रक्षा में अपने भरपूर सहयोग की बात कही। कहा, तालाब की रक्षा भारतीय समाज का तकाजा है।
4. सुनील ¨सह उर्फ झूनू बाबू ने कहा कि तालाब पूर्वजों की धरोहर है। इसे सहेज कर रखना हमारा दायित्व बनता है।
5. युवक कन्हैया कुमार ने कहा कि पुस्तकालय तालाब का बड़ा सामाजिक महत्व है। इसे हम बचाएंगे।
6. कुंदन ¨सह ने कह कि तालाब को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखना सबका दायित्व बनता है। जागरण का अभियान सराहनीय है।
7. तालाब से सटे इस्माइल नगर निवासी मो. नईम ने कहा कि जागरण के आह्वान पर गांव वाले जागरूक हुए हैं वो तालाब की रक्षा करेंगे।
8. युवक मो. नसीम ने कहा कि हम तालाब में गंदा नहीं फेकें बल्कि उसे स्वच्छ रखने में तत्पर रहें।