कॉलेज की राशि की वापसी पर छात्रों ने काटा बवाल
बेगूसराय। लैब और पुस्तकालय के विकास को आई 53 लाख रुपये की राशि नौ वर्ष बाद कॉलेज प्रशासन
बेगूसराय। लैब और पुस्तकालय के विकास को आई 53 लाख रुपये की राशि नौ वर्ष बाद कॉलेज प्रशासन से वापस मांगे जाने के सवाल पर शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एसके महिला कॉलेज में जमकर बवाल काटा। प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए, पैसा खर्च करने की इजाजत देने की मांग कर रहे थे। छात्रों का नेतृत्व एबीवीपी के नगर सह मंत्री सोनू कुमार कर रहे थे।
एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत चौधरी ने बताया कि सरकार द्वारा कॉलेज की विकास राशि का वापस मांगा जाना किसी तुगलकी फरमान से कम नहीं है। एबीवीपी इसका पुरजोर विरोध करती है। राशि को खर्च करने की अनुमति देने की मांग करती है। इस मामले में महिला कॉलेज की प्राचार्य डा. स्वप्ना चौधरी ने बताया कि वर्ष 2008 में लैब एवं पुस्तकालय विकास हेतु कॉलेज को 53 लाख रुपया मुहैया कराया गया था। यह राशि 12 मार्च को आई थी, तथा उसे वित्तीय वर्ष 2008 में ही खर्च करने का निर्देश भी दिया गया था। सिर्फ 18 दिनों के अंदर 53 लाख की राशि खर्च करना संभव नहीं था जिसके कारण वर्तमान समय के प्राचार्य ने उस पैसे को खर्च नहीं किया। बाद के प्राचार्यों द्वारा उस राशि को वापस सरकार को भेज दिया गया। परंतु, कुछ दिनों बाद पुन: पैसा कॉलेज को लौटा दिया गया।
प्राचार्य ने बताया कि जब से उन्होंने कॉलेज का पदभार ग्रहण किया है तब से दो बार सरकार को पत्र भेजकर उक्त राशि को खर्च करने की समय अवधि बढ़ाने की मांग की। परंतु, सरकार द्वारा अब तक कोई जवाब नहीं मिला, छह जनवरी 2017 को अचानक एक पत्र प्राप्त हुआ। जिसमें उक्त राशि को वापस करने की मांग की गई है। मगर पत्र में पैसा किस विभाग को भेजना है, चेक या ड्राफ्ट किसके नाम से बनेगा इसकी कोई विस्तृत जानकारी मौजूद नहीं है। इसलिए फिलहाल इस मामले में पुन: सरकार से पत्राचार किया जाएगा। बताते चलें कि इन नौ वर्षों में आठ प्राचार्य यहां से ट्रांसफर-रिटायर्ड हो चुके हैं। मौके पर राहुल, सोनू, आजाद, प्यारे, सोनी, रूपम कुमारी सहित अन्य मौजूद थे।