Move to Jagran APP

बखरी में अवैध दवा कारोबार का अंतर्राज्यीय नेटवर्क उजागर

बेगूसराय। बखरी के स्टेशन चौक स्थित ¨प्रस मेडिकल हॉल परिसर में जिला द्वारा गठित जांच टीम ने

By Edited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 07:37 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 07:37 PM (IST)
बखरी में अवैध दवा कारोबार का अंतर्राज्यीय नेटवर्क उजागर

बेगूसराय। बखरी के स्टेशन चौक स्थित ¨प्रस मेडिकल हॉल परिसर में जिला द्वारा गठित जांच टीम ने अवैध दवा कारोबार के अंतर्राज्यीय नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। दो दिनों की लंबी चली जांच प्रक्रिया के बाद रविवार की देर शाम जांच दल का नेतृत्व कर रहे बिहार के औषधि निर्माण से संबंधित निगरानी एवं गुप्तचर शाखा के सदस्य औषधि निरीक्षक अशोक कुमार यादव ने अपने सहयोगी डीआई मीतू बाला व डीआई कुमार संजय के साथ बीडीओ राजेश कुमार राजन के समक्ष 431 प्रकार की दवाओं को 49 कार्टूनों में जब्त कर लिया। वहीं उनमें से 21 प्रकार की दवाओं को संदिग्ध पाते हुए उनकी जांच प्रयोगशाला में कराए जाने की बात कही। जब्त किए गए दवाओं को बखरी थाना में सुरक्षित रखा गया है। साथ ही बेगूसराय-03 के औषधि निरीक्षक कुमार संजय द्वारा कारोबारी पिता-पुत्र चकहमीद निवासी भागवत चौधरी व सुनील कुमार के खिलाफ मेसर्स जेपी ड्रग्स हरिद्वार उत्तराखंड सहित अन्य व्यक्ति व संस्थानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार भागवत चौधरी के मकान के दो कमरों में उनके पुत्र सुनील के द्वारा अवैध रूप से भारी मात्रा में दवा का भंडारण किया गया था। जांच के क्रम में इन दवाओं का कोई वैध कागजात नहीं प्रस्तुत किया गया। साथ ही बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं व फीजिशियन सैंपल के रैपर बरामद होने का उल्लेख किया गया है। छापामारी के दौरान जेपी ड्रग्स हरिद्वार के प्राइस लिस्ट प्रोडक्ट सूची, कैच कवर खाली सहित कंपनी की प्रचार सामग्री व पैड बरामद किया गया। जिससे प्राथमिकी में सुनील के साथ कंपनी के निर्माता एवं विपनणकर्ता के उक्त अवैध कार्यों में सांठ-गांठ का आरोप लगाया गया है। जांच दल ने बरामद सभी दवाओं को दो दिनों तक कुल 36 पृष्ठों में सूचीबद्ध कर पिता-पुत्र सहित उत्तराखंड हरिद्वार के सिठके सेक्टर 6 ए, प्लाट नंबर 53 में संचालित कंपनी पर औषधि एवं अंतराग अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। जबकि अवैध कारोबारी सुनील व संरक्षक पिता चौधरी के मौके से चकमा देकर फरार होने की बात बताई गई है। इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि औषधि निरीक्षक के आवेदन पर बखरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ कर दिया गया है। मालूम हो कि डीएम को बखरी में अवैध रूप से दवा निर्माण व भंडारण की गुप्त सूचना मिली थी। हालांकि स्थानीय तौर दवा निर्माण की बात को अनुसंधानकर्ताओं ने असत्य करार दिया।

loksabha election banner

¨प्रस मेडिकल की भी जांच, दस दवाओं की बिक्री पर रोक

बखरी : सुनील कुमार के यहां छापामारी के बाद जांच दल ने उसके भाई संतोष चौधरी के ¨प्रस मेडिकल हॉल में भी गहन जांच अभियान चलाया। औषधि निरीक्षक अशोक कुमार यादव, मीतू बाला व कुमार संजय ने दुकान के एक-एक दवाओं सहित अन्य कागजातों का गहन अवलोकन किया। श्री यादव ने बताया कि उक्त दवा दुकान का लाइसेंस वैध है। परंतु, लाइसेंस के अलावा अन्य कागजात यथा दुकान का स्टॉक पंजी, कैशमेमो व एच-वन ड्रग रजिस्टर दुकानदार द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। दुकान के मालिक संतोष भी दुकान छोड़कर फरार हो गया है। जांच दल ने दुकान के दस दवाओं के बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही जांच प्रतिवेदन पर संतोष की अनुपस्थिति में उसकी मां का हस्ताक्षर लिया।

बखरी में फर्जी चिकित्सकों की भरमार

बखरी : बखरी में जहां एक ओर अवैध दवा कारोबार का अंतर्राज्यीय नेटवर्क उजागर हुआ है। वहीं धंधे के दूसरे कड़ी फर्जी चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से आए दिनों से चिकित्सक कुकुरमुत्ते की तरह उगते जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इन फर्जी चिकित्सकों के द्वारा बड़े से बड़ा आपरेशन को अंजाम दिया जाना इनके लिए आम बात हो गई है। जहर खुरानी से लेकर महिलाओं के आपरेशन कर डिलीवरी करवाना तो आम बात है। कुछ इसी तरह की शिकायत दो वर्ष पूर्व बखरी निवासी अनिल कुमार ¨सह द्वारा तत्कालीन डीएम को किया गया था। शिकायत के आलोक में तत्कालीन एसडीओ अमित कुमार ने जांच कराई थी। तब एक चिकित्सक के यहां भ्रूण हत्या का मामला उजागर हुआ था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.