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लापरवाही से शहर की स्वच्छता को लगा ग्रहण

बेगूसराय। एक तरफ नगर निगम प्रशासन स्वच्छता रैंकिग सुधारने के लिए लोगों को स्वच्छता अभियान में शामिल करने के लिए उन्हें जागरूक करने की कवायद में लगा है। वहीं शहर के बुद्धिजीवी कहलाने वाले लोग भी सड़कों पर गंदगी फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 12:07 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 12:07 AM (IST)
लापरवाही से शहर की स्वच्छता को लगा ग्रहण
लापरवाही से शहर की स्वच्छता को लगा ग्रहण

बेगूसराय। एक तरफ नगर निगम प्रशासन स्वच्छता रैंकिग सुधारने के लिए लोगों को स्वच्छता अभियान में शामिल करने के लिए उन्हें जागरूक करने की कवायद में लगा है। वहीं शहर के बुद्धिजीवी कहलाने वाले लोग भी सड़कों पर गंदगी फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नगर निगम समेत जिम्मेदार विभाग की शिथिलता के कारण भी शहर की स्वच्छता को ग्रहण लग रहा है। बेगूसराय से गुजरने वाले एनएच-31 से रोज हजारों वाहन दूसरे जिले समेत अन्य राज्य तक जाते हैं और उन्हें शहर के प्रवेश करते ही सड़क किनारे फैले मलबे के ढेर से उठ रही दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। नाला रोड के मुहाने पर दो वर्ष से बनी है नारकीय स्थिति :

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शहर के डीसी सिंह पेट्रोल पंप से विष्णु दीपशिखा रोड को जोड़ने वाले नाला रोड के मुहाने पर करीब दो वर्षों से स्थाई जलजमाव का नजारा आम हो चला है। यहां बारिश के पानी से जलजमाव नहीं बल्कि एक निजी क्लिनिक से बहाए जाने वाला गंदे पानी के कारण हालत बदतर है। लगातार जलजमाव को लेकर वार्ड संख्या 12 के निवर्तमान वार्ड पार्षद बबन सिंह ने कई बार प्रयास किया है। वे बताते हैं कि निजी क्लिनिक संचालक व उक्त मकान के मालिक से कई बार मौखिक अनुरोध किया गया है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाली बनी है। नाला रोड में जलनिकासी के लिए नाला निर्माण नहीं कराए जाने की बात कहकर निजी क्लिनिक से लगातार गंदा पानी सड़क पर बहाया जाता है जिससे स्थाई जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। बीते छठ के त्योहार को लेकर निगम प्रशासन ने एक बार तो पानी निकलवा दिया, लेकिन उसके बाद भी हालत जस की तस बनी है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम प्रशासन से उक्त मामले में खुद संज्ञान लेने व कार्रवाई की मांग की है जिससे राहगीरों को असुविधा ना हो। फल मंडी के कचरा निस्तारण में नहीं है नगर निगम की रुचि :

एक तरफ नगर निगम डोर टू डोर कचरा संग्रह करने व घरेलू गीले कचरे से खाद तैयार करने की बात कह रही है, लेकिन एनएच-31 के ट्रैफिक चौक स्थित फलमंडी से निकलने वाले फलों के अवशेष को जमा कर खाद बनाने में रूचि नहीं है। जानकार बताते हैं कि घर- घर से गीला कचरा जमा करने के साथ ही अगर फलमंडी से निकलने वाले अवशेषों को जमा किया जाए तो भारी मात्रा में खाद बनाई जा सकती है। इससे एक तरफ निगम को अतिरिक्त आया होगी वहीं एनएच-31 किनारे गंदगी से भी निजात मिलेगी । बताते चलें कि फलमंडी से रोज बड़ी मात्रा में सड़े गले फल व अन्य अवशेष एनएच-31 किनारे फेंका जा रहा है इससे शहर की स्वच्छता को ग्रहण लग रहा है। शहर में प्रवेश करते ही कपस्या से लेकर लाखो तक एनएच-31 किनारे गंदगी का ढेर लगा रहता है, लेकिन शहर को स्वच्छ बनाने की कवायद के बीच नगर निगम के पास इसके निस्तारण की न तो कोई मुकम्मल व्यवस्था है और न ही कभी कोई प्रयास ही किया गया है।


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