बखरी में स्कूल बस से कुचल कर बच्चे की मौत, हंगामा
बेगूसराय। शुक्रवार की शाम थाना क्षेत्र के लौछे सिसौनी गांव में स्कूली बस ने एक बच्चे को कुचल दिया। घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। पहचान बच्चा गांव निवासी बोदल सदा के पांच वर्षीय नाती शिवम कुमार के रूप में की गई है।
बेगूसराय। शुक्रवार की शाम थाना क्षेत्र के लौछे सिसौनी गांव में स्कूली बस ने एक बच्चे को कुचल दिया। घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। पहचान बच्चा गांव निवासी बोदल सदा के पांच वर्षीय नाती शिवम कुमार के रूप में की गई है। शिवम नीमाचांदपुरा थाना क्षेत्र के वनद्वार गांव के राजाराम सदा का पुत्र है, जो इन दिनों अपनी मां सुलेखा देवी के साथ ननिहाल आया था।
घटना के समय बच्चा सड़क किनारे खेल रहा था, उसी समय बखरी के घाघड़ा स्थित निजी विद्यालय तक्षशिला की बस छात्रों को छोड़ने उनके गांव जा रही थी। बच्चा तेज रफ्तार बस की चपेट में आ गया। घटना में बच्चे का सिर पूरी तरह कुचल गया। घटना के बाद लोगों ने बस के चालक को पकड़कर कब्जे में ले लिया। समाचार प्रेषण तक बस और चालक ग्रामीणों के कब्जे में था। लोग शव को रोके हुए थे और उसे उठने नहीं दे रहे थे। स्थानीय लोगों का कहना था कि उक्त बस अक्सर गांव से तेज रफ्तार में गुजरती है। इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। लोगों ने बताया कि गुरुवार को इसी बस की चपेट में आने से एक बकरी के बच्चे की भी मौत हो गई थी। इधर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा था। मौके पर विधायक सूर्यकांत पासवान, एएसआइ विनय सिंह, शंकर मंडल आदि भी मौके पर मौजूद थे, परंतु ग्रामीण दोषी बस चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई तथा उचित मुआवजे की मांग पर अड़े हुए थे। घटना के बाद बदहवास दिखे बस में सवार स्कूली छात्र
घटना के समय बस में 20 से 25 छात्र सवार थे, जो स्कूल में छुट्टी के बाद अपने घर जा रहे थे। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने चालक समेत बस को भी कब्जे में ले लिया। इससे स्कूली छात्र भी वहां फंस गए। ग्रामीणों के आक्रोश और घटना की भयावहता के कारण बस में सवार छोटे-छोटे बच्चे काफी बदहवास दिखे। प्रशासन और प्रबुद्ध लोगों के समझाने के बाद बस के बच्चों को दूसरी बस से घर छोड़ने पर सहमति बनी। घटनास्थल के हालात के मद्देनजर दूसरी बस को लेकर कोई चालक वहां आना नहीं चाह रहा था। इधर बच्चे समय बीतने के साथ और भयभीत हो रहे थे। प्रशासन भी वहां लाचार और बेबस दिखा। देर शाम बच्चों को घर पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था हो सकी और उन्हें दूसरी बस बुलाकर उनके गंतव्य तक छोड़ा जा सका।