मदरसा इंसानियत और भाईचारे का पैगाम देती है : तनवीर हसन
बेगूसराय। प्रखंड के रजाकपुर में मदरसा इशात उल इस्लाम का दस्तारबंदी सह तहफ्फुजे शरीयत कांफ्रेंस का आ
बेगूसराय। प्रखंड के रजाकपुर में मदरसा इशात उल इस्लाम का दस्तारबंदी सह तहफ्फुजे शरीयत कांफ्रेंस का आयोजन मौलाना अब्दुर्रशीद कासमी आजमगढ़ के जेरे सेदारत मुकम्मल हुई। कार्यक्रम में मदरसा के बच्चों ने अपने इल्म और फन का मुजाहिरा किया। कार्यक्रम में मुल्क के मशहूर आलीमे दीन मौलाना अब्दुर्रशीद साहब कासमी आजमगढ़ ने कहा, मदरसा कायम करना और इल्मे दीन का फरोग करना मुसलमानों की अहम जिम्मेदारी है। पिछड़े गांव में अवामी चंदे से बच्चों को इल्म दिलाना और कम समय में मदरसा का दस्तारबंदी होना काबिले तारीफ है। इस मौके से मिल्ली रेहनुमा पूर्व विधान पार्षद डॉ. तनवीर हसन ने इजलास से खिताब करते हुए कहा, मदरसा इंसानियत और भाईचारे का पैगाम देती है। इस्लाम में तालीम हासिल करना मुसलमानों के लिए फर्ज करार दिया गया है। लेकिन आज भी सबसे ज्यादा तालिमी पसमांदगी का शिकार मुसलमान है। मुल्क में दंगा-फसाद का हिस्सा बेरोजगार युवा हो रहे हैं। देश का चौकीदार धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करके अमन पसंद लोगों को भड़काने की कोशिश में मशरूफ हैं। आज तहफ्फुजे शरीयत कांफ्रेस की क्या जरूरत पड़ी थी, जबकि मुल्क का आइना संविधान हमें धार्मिक स्वतंत्रता, आस्था एवं अभिव्यक्ति की आजादी पहले से दे रखा है। कांफ्रेंस में बेगूसराय शहर के मुफ्ती खालीद कासमी, मौलाना शाबीर निजामी, मौलाना जियाउल, अमीन चतुर्वेदी, मौलाना हैदर रजा मुफ्ती, ऐनुल हक अमीनी, मौलाना माजीद, मुफ्ती अब्दुल जब्बार हाफिज, मो. असगर हाफिज, अब्दुल गफ्फार, शकील अहमद बेग सहित दर्जनों उलेमा एवं समाजिक रहनुमाओं ने खिताब किया। कार्यक्रम में परवेज कौशर मारूफी के नाते रसूल पर मजमा रात भर झूमता रहा। प्रोग्राम में स्थानीय रजाकार मो. मनौव्वर, मो. शमीम, मो. इशामुल, मो. सईदुल, मो. अनवर आदि का योगदान रहा।