विफलता देख अपराधी बन गई पुलिस
चार साल पहले निर्दोष राजेश कोल को हार्डकोर नक्सली राकेश कोल बता भेज दिया जेल। दो दिन पहले राकेश कोल की गिरफ्तारी के बाद हुआ खुलासा। अब भी बांका जेल में बंद है राजेश, पुलिस कह रही जांच की बात।
बांका [कुंदन कुमार सिंह]: अपनी विफलता देख पुलिस ही अपराधी बन गई। नक्सल संगठन से जुड़े राकेश कोल को नहीं पकड़ पाने पर पुलिस ने उसके भाई राजेश कोल को ही गिरफ्तार कर लिया और उसे राकेश बताते हुए सलाखों के पीछे भेज दिया। राजेश कोल पिछले चार सालों से बांका जेल में बंद है। इसका खुलासा तब हुआ जब दो दिन पहले जमुई की पुलिस ने बेलहर के बगधसवा में छापेमारी करते हुए राकेश कोल को गिरफ्तार किया।
चार साल पहले जिले में जब नक्सलियों की सक्रियता बढ़ गई थी, पुलिस पर संगठन से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी को लेकर दबाव था। तब राकेश कोल नाम का शख्स नक्सली नेता बीरबल मुर्मू और जय पासवान के साथ काम करता था। वह उनका बंदूकधारी था। इस दौरान उसने बांका और पड़ोसी जिला जमुई में कई वारदातों को अंजाम दिया था। जमुई के कई थानों में वह वांछित था। बीरबल की गिरफ्तारी के बाद बांका में नक्सल संगठन को बड़ा धक्का लगा था। संगठन के कई सदस्य अंडरग्राउंड हो गए। राकेश भी संगठन से दूर हो गया था। इसी बीच बांका पुलिस ने यह दावा किया कि हार्डकोर नक्सली राकेश कोल को गिरफ्तार कर लिया गया है। दरअसल, पुलिस ने जिसे राकेश बताया था वह उसका भाई राजेश कोल था। पुलिस रिकार्ड में राजेश कोल के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। इसके बावजूद पिछले चार सालों से वह नक्सली होने के आरोप में जेल काट रहा है। इस मामले में एसपी चंदन कुशवाहा और एसडीपीओ एसके दास से जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन दोनों ने घटना से अनभिज्ञता जताई। उनका कहना था कि मामले की जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
पुलिस ने बचने बाहर चला गया था राकेश
नक्सलियों पर पुलिस का दबाव बढ़ने के बाद संगठन के कई लोग जिले से पलायन करने लगे थे। ग्रामीणों की मानें तो राकेश कोल भी पुलिस से बचने और रोजीरोटी के लिए राज्य से बाहर चला गया था। हाल ही में छठ पूजा में वह घर आया था। जमुई पलिस को उसके आने की भनक लगी और छापेमारी करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। जमुई पुलिस के इस अभियान का नेतृत्व खुद जमुई एसपी जयंतकांत ने किया था। उन्होंने भी राकेश कोल की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी। साथ ही आरोपित नक्सली के पास से विस्फोटक मिलने की बात भी कही थी। राकेश कोल फिलहाल जमुई जेल में बंद है।
राकेश को विष्णुदेव कोल बता रहे परिजन
बगधसवा निवासी कामेश्वरी देवी कहना है कि जमुई पुलिस ने जिसे राकेश बताते हुए गिरफ्तार किया उसका असली नाम विष्णुदेव कोल है। वह उसकी मां है। ग्रामीण भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं। वे यहां तक कह रहे हैं कि उनके गांव में राकेश कोल नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं। हालांकि सूत्रों की मानें तो विष्णुदेव कोल का ही दूसरा नाम नक्सल संगठन में राकेश कोल का था। जब पुलिस ने राकेश की गिरफ्तारी की थी, बड़ी संख्या में परिजन और ग्रामीण बेलहर थाने में उसे छुड़ाने पहुंचे थे। तब बेलहर थानाध्यक्ष ने यह बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया था कि उसने राकेश उर्फ विष्णुदेव कोल को गिरफ्तार नहीं किया है। ग्रामीण घंटों थाने पर डटे रहे थे।
थानाध्यक्ष ने कहा
दो दिन पूर्व किसी राकेश कोल की गिरफ्तारी बेलहर पुलिस ने नहीं की है। राकेश कोल के नाम पर उसके छोटे भाई राजेश कोल के जेल में सजा काटने के मामले की पुष्टि जांच के बाद ही हो सकती है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार राकेश कोल बांका जेल में है।
गौतम बुद्ध , प्रभारी थानाध्यक्ष
दो दिन पहले जमुई एसपी का दिया बयान
झाझा-बेलहर सीमा के बगधसवा जंगल से जमुई पुलिस ने बुधवार (एक नवंबर )को हार्डकोर नक्सली राकेश कोल को गिरफ्तार किया है। उसके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ। पूछताछ में राकेश ने कई अहम जानकारियां दी है।
जयंतकांत, एसपी, जमुई
------------------