खिलाड़ियों के इंतजार में सियासत का मैदान
बांका। हर दलों ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। संभावित उम्मीदवारों का पांव विधान सभा क्षेत्र में लगे हैं।
बांका। हर दलों ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। संभावित उम्मीदवारों का पांव विधान सभा क्षेत्र में लगे हैं। पर विधायकों को कुछ स्थानों पर व राजग को भी उम्मीदवारी को लेकर माथापच्ची करना होगा।
जिले के पांच विधान सभा क्षेत्रों में दो-दो पर राजद एवं जदयू एवं एक सीट पर भाजपा का प्रतिनिधित्व है। भाजपा कोटे से मंडल कैबिनेट में मंत्री हैं। चुनावी खेल में भाजपा ने तीन विधान सभा क्षेत्रों में वर्चुअल रैली कर चुनावी सुगबुगाहट तेज कर दी है। जबकि राजद ने पहली बार जिला कमेटी गठन कर नये चेहरे को शामिल किया है। कांग्रेस की ओर से बैठक राज्य प्रभारी शक्ति सिंह कर डिजिटल सदस्यता अभियान की शुरुआत की है। जबकि सुप्रीमो प्रसाद कुशवाहा भी नब्ज टटोल कर चले गए हैं। इसके अलावा अन्य कई छोटे-छोटे दलों के सूरमा सोशल मीडिया पर अपनी दावेदारी की चर्चा कर रहे हैं। समय नजदीक और कोरोना संकट को लेकर बिना ही प्रसाद खाने के बहाने भी उम्मीदवार जनता के बीच जाने लगे हैं। खासकर पिछली बार राजद एवं जदयू ने साथ चुनाव था। इस बार अलग माजरा है। जदयू व भाजपा के साथ होने पर बेलहर एवं अमरपुर विधान सभा क्षेत्र में दूसरे नंबर वाले उम्मीदवार भी सक्रिय हो गए हैं। उनकी सक्रियता क्या गुल खिलाएगी, कहना मुश्किल है। पर वर्तमान विधायकों के लिए परेशानी का सबब है। बांका, कटोरिया एवं में राजग के लिए उम्मीदवारी के लिए पिक्चर साफ है। जबकि बांका व अमरपुर में उम्मीदवारों में संशय बरकरार है। वैसे, कांग्रेस व लोजपा ने भी एक-एक सीट पर उम्मीदवारी की मांग अपने पार्टी आलाकमान से किया है।
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विधान सभावार दलगत स्थिति
बेलहर से गिरिधारी यादव के सांसद बनने के बाद पिछले अक्टूबर में हुए उप चुनाव में उनके भाई यादव को जदयू ने टिकट दिया था। पर राजद से रामदेव यादव की जीत और की हार के कारण वहां उम्मीदवारों की फौज तैयार हो रही है। खुद जदयू के एमएलसी मनोज यादव की सक्रियता इन दिनों बेलहर में बढ़ गई है। चर्चा है कि मनोज अपनी पत्नी पूर्व जिप अध्यक्ष सिपल देवी के लिए रास्ता बना रहे हैं। पूर्व भाजपा उम्मीदवार मनोज यादव भी क्षेत्र में सक्रिय है। जबकि लोजपा जिलाध्यक्ष बेबी यादव भी सक्रिय है। भाजपा जिलाध्यक्ष विकास सिंह का घर भी इसी क्षेत्र में हैं। इस कारण उनकी भी दावेदारी की चर्चा है।
बात कटोरिया विधान सभा क्षेत्र की करेंगे तो यहां से राज्य महिला आयोग की सदस्य सह पूर्व भाजपा उम्मीदवार डॉ. निक्की की उम्मीदवारी तय है। यह सुरक्षित सीट है। पिछले चुनाव में दस हजार मतों से डॉ. निक्की राजद की स्वीटी सीमा से चुनाव हारी थी।
सुरक्षित सीट से जदयू के मनीष कुमार विधायक हैं। पिछली बार मनीष का मुकाबला उम्मीदवार पूर्व सांसद भूदेव चौधरी से हुआ था। भूदेव इस बार के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस कारण उनकी उम्मीदवारी तय मानी जा रही है।
अमरपुर विधान सभा क्षेत्र से जदयू विधायक मांझी पिछले बार भाजपा के डॉ. मृणाल शेखर को पराजित किया था। इस बार दोनों एक राजग में हैं। पर मृणाल की सक्रियता भी काफी बढ़ गई है। यहां से राजद व कांग्रेस दोनों अपने-अपने लिए लगे हुए हैं। कांग्रेस से पार्टी जिलाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह, पूर्व उम्मीदवार राकेश सिंह, पूर्व सहकारिता बैंक अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह सहित अन्य की चर्चा है। जबकि राजद से मंडल, मिथिलेश कुशवाहा, राजीव कुशवाहा सहित अन्य की चर्चा हो रही है। बांका विधान सभा पर भाजपा का कब्जा है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल पार्टी के लिए चेहरा है। पांच बार प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। इस बार भी राजग उम्मीदवार होंगे, जबकि राजद से पूर्व उम्मीदवार होदा, जदयू राजद में आएं पूर्व मंत्री डॉ. जावेद इकबाल अंसारी, जुम्मन, प्रमुख बमबम यादव आदि के नामों पर चर्चा है। शामिल हुए अंग किसान मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह की भी उम्मीदवारी की चर्चा हो रही है। पूर्व विधान पार्षद संजय यादव भी बांका के लिए जमीन तैयार करना शुरु कर दिया है। फिलहाल किसी नामों पर किसी दल ने पुष्टि नहीं की है।