आंवला नवमी आज, पूजा से प्राप्त होगा अक्षय पुण्य
बांका। सोमवार को अक्षय नवमी है। इस दिन आंवला पेड़ की पूजा कर भगवान विष्णु से कष्ट निवारण करने की कामना की जाती है।
बांका। सोमवार को अक्षय नवमी है। इस दिन आंवला पेड़ की पूजा कर भगवान विष्णु से कष्ट निवारण करने की कामना की जाती है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को ही अक्षय नवमी, छात्री नवमी या आंवला नवमी के नाम से जाना जाता है। वैसे, रविवार रात 10:32 बजे से ही इसका मान शुरु हो जाएगा। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु का ध्यान कर आंवला पेड़ को अक्षत, पुष्प व चंदन के साथ कच्चा धागा बांध कर सात बार परिक्रमा करने से उनकी कृपा बरसती है। रविवार को इस पूजा को लेकर बाजार में चहल पहल तेज रही।
अक्षय नौंवी पर भुआ दान करने का उतना ही फलाफल है जितना कि सूर्य ग्रहण पर कुरुक्षेत्र में तुला दान करने पर। स्थानीय निवासी पंडित संजीव चौधरी ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी को आंवला वृक्ष में भगवान विष्णु एवं शिव दोनों का निवास होता है। इसलिए इस तिथि को इस पेड़ की पूजा कर इसके नीचे भोजन बनाकर खाना चाहिए। कहते हैं यह पूजा सबसे पहले मां लक्ष्मी ने तब किया था जब भू लोक पर भ्रमण के दौरान भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा एक ही साथ करने का ख्याल आया था। मां लक्ष्मी ने आंवला पूजने का निर्णय पर इस तरह पहुंची कि आंवला में तुलसी और बेल दोनों के गुण पाए जाते हैं। तुलसी भगवान विष्णु के प्रिय है और बेल भगवान शिव का। यही विचार कर उन्होंने आंवला की पूजा की। प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और शिव प्रकट हुए थे। उस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी था। कहते हैं तबसे यह परंपरा चली आ रही है।
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अक्षय नवमी का विज्ञानी महत्व
अक्षय नवमी के धार्मिक तथ्य विज्ञान से भी मेल खाता है। आंवला को गुणों का खान कहा गया है। आंवला का सेवन करने से बाल, आंख, चमड़ी, पेट आदि स्वस्थ्य रहते हैं। आंवला को आयुर्वेद में रसायन माना गया है। इसके नियमित सेवन से आयु लंबी होती है।