यह युवा बना अपने गांव का पहला ग्रेजुएट और पाई नौकरी, PM ने DM को सराहा
नक्सल प्रभावित बांका जिले के हिरणाटांड गांव का जहां शिक्षा और विकास की रौशनी नहीं पहुंची थी, लेकिन यहां के एक छात्र ने पहली बार ग्रेजुएशन की डिग्री ली और नौकरी पाई है।
बांका [जेएनएन]। जहां बंदूकें गरजती थीं और शिक्षा की दूर-दूर तक बात नहीं होती थी आज उस घोर नक्सल प्रभावित जिले बांका के हिरणाटांड गांव के एक छात्र ने पहली बार ग्रेजुएट की उपाधि लेकर यह दिखा दिया है कि जहां चाह वहां राह। इतना ही नहीं उसे अब देश की बड़ी कॉरपोरेट कंपनी टीसीएस ने उसका चयन किया है।
टीसीएस कंपनी ने बांका जिले के 17 युवाओं का चयन कॉरपोरेट सेक्टर के लिए किया है। अब वे बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम करेंगे। इसमें कई ऐसे युवा भी शामिल हैं, जो अपनी प्रतिभा के दम पर नक्सली मांद से निकल कर सफलता की मंजिल तय की है।
सफल युवाओं में नक्सल प्रभावित क्षेत्र बेलहर के हिरणटांड़ गांव निवासी प्रदीप हेंब्रम एवं चांदन के शशिकांत मरांडी ने कॉरपोरेट सेक्टर में जगह बना कर मिसाल कायम कर दी है। नक्सल प्रभावित इलाका होने से ये बच्चे विकास और शिक्षा की रौशनी से दूर थे।
इस सबके पीछे जिले के जिलाधिकारी का हाथ है। डीएम कुंदन कुमार की पहल पर शुरू किए गए बांका उन्नयन एप इन युवाओं की दशा व दिशा बदलने में कारगर साबित हो रही है। जिससे यहां के युवाओं को शिक्षा के साथ ही रोजगार का मौका मिल रहा है। बांका उन्नयन के प्लेटफार्म से जिले के युवाओं ने कॉरपोरेक्ट सेक्टर में सफलता की उंची उड़ान भरी है।
टीसीएस कंपनी की ओर से चयनित सभी युवा सैलेंस फार्म टेक्नोलॉजी पर कार्य करेंगे। जिसका उपयोग अभी विदेशों में हो रहा है। इंटरनेट के जरिए ऑपरेट होने वाले इस तकनीक को यहां भी कई बड़ी कंपनियां विकसित कर रही है।
इस तकनीक के उपयोग से किसी भी मशीन में टाइमिंग सेट कर देने के बाद वह निर्धारित समय पर स्वयं संचालित हो कर अपना काम करने लगती है। यहां से चयनित हुए युवा बड़ी-बड़ी कंपनियों में इस तकनीक की मॉनीटरिंग करेंगे।
परीक्षा में पिछड़े बच्चों को टीसीएस देगी प्रमाण पत्र
जांच परीक्षा में पिछड़े 43 युवाओं को टीसीएस प्रमाण पत्र देगी। जिससे उन्हें किसी भी कॉपरोरेट कंपनी में नौकरी हासिल करने में प्राथमिकता मिलेगा। साथ ही टीसीएस का दूसरा बैच 18 से शुरु किया जाएगा।
इनका किया गया चयन
प्रेम रंजन पाठक, मुकेश यादव, कुमार गौतम, सागर कुमार सिन्हा, रितेश कुमार, सौरभ कुमार, सौरभ कुमार सिंह, रिषभ राज, विवेक कुमार, कमलेश कुमार पांडेय, प्रदीप कुमार हेंब्रम, शशिकांत मरांडी, मिथलेश पांडेय, सिमरन सिक्रीवाल, सोमा कुमारी, सोनाली प्रिया।
पीएम तक पहुंची बांका उन्नयन की गूंज
बांका जिले में शिक्षा का उजियारा फैलाने के लिए विकसित किया गया उन्नयन एप का दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विभिन्न राज्यों के अधिकारियों की बैठक में प्रेजेंटेशन दिया गया। यह बैठक विजन 2022 संकल्प सिद्धि को लेकर हुई थी जिसमें पीएम मोदी ने इस एप की खूब तारीफ की।
क्या है उन्नयन एप
इस एप के जरिए दसवीं, बारहवीं, एसएससी, बैंक पीओ व आइआइटी जेईई की तैयारी भी संभव है। किसी भी सवाल का अॉनलाइन जवाब इसपर विशेषज्ञों द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। एप से जुड़ने के लिए अॉनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। बांका डीएम के प्रयास से दिल्ली के चार आइआइटीएन ने विकसित किया है। इससे 56 विशेषज्ञ शिक्षक भी जुड़े हैं।
तमिलनाडु भी जुड़ेगा बांका उन्नयन एप से
बैठक के बाद तमिलनाडु के सचिव डीएम कुंदन कुमार से खास तौर पर मिले और बांका उन्नयन एप पर चर्चा की। डीएम ने बताया कि तमिलनाडु के सचिव ने भी उन्नयन एप को अपने राज्य में भी लांच करने की बात कही है। जल्द ही तमिलनाडु भी बांका उन्नयन एप से जुड़ेगा।
अब तक बिहार सहित राजस्थान, केरल और उत्तर प्रदेश के करीब दस हजार लोग उन्नयन से जुड़ चुके हैं। उन्नयन एप को देश के सबसे बड़े पोर्टल सगुना वेब पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। बांका उन्नयन एप से जुड़ने के बाद यहां के छात्रों ने भी डिजिटल एजुकेशन की दुनिया में कदम रख दिया है।
इसका फलाफल है कि बांका के छात्र सतीश कुमार, दीपक कुमार सिंह, नवीन पाठक एवं कुंदन कुमार ने मिलकर जिले के पर्यटन स्थलों की वेबसाइट तैयार की है, जिसे जल्द ही लांच किया जाएगा।