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पॉक्सो एक्ट के दुष्कर्मी को मिली आजीवन कारावास

बांका। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम आलोक कुमार ¨सहा की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले की सुनवाई करते हुए आरोपित को युवक को दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 09:39 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 09:39 PM (IST)
पॉक्सो एक्ट के दुष्कर्मी को मिली आजीवन कारावास
पॉक्सो एक्ट के दुष्कर्मी को मिली आजीवन कारावास

बांका। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम आलोक कुमार ¨सहा की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले की सुनवाई करते हुए आरोपित को युवक को दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त को 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। सजा बांका थाना क्षेत्र के शाषण निवासी राजेश यादव को सुनाई गई है। घटना तीन जनवरी 2014 की है। गांव की एक लड़की को घर में अकेली देख वह घूस गया। फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर लड़की को बहला फुसला कर किसी से शिकायत नहीं करने पर शादी करने का झांसा दिया। इसके बाद उसने लड़की से कई बार दुष्कर्म किया। जिससे वह गर्भवती हो गई। बाद में शादी की बात पर वह मुकर गया। लड़की ने इस संबंध में बांका न्यायालय में परिवार पत्र दाखिल किया। जिस आधार पर कोर्ट ने महिला थाना को प्राथमिकी दर्ज कर इसकी जांच करने को कहा। अनुसंधान में बात सच साबित हुई। अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामले की सुनवाई करते हुए अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार रुपये अर्थदंड जिला विधिक प्राधिकार में जमा करने को कहा गया है। यह राशि प्राधिकार के माध्यम से पीड़िता को दी जाएगी। बहस में एपीपी शोभा कुमारी तथा बचाव पक्ष से रामकिशोर यादव ने बहस में हिस्सा लिया।

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जानलेवा हमला में दस साल की सजा

फोटो- 14 बीएएन 14

जासं, बांका : फास्ट ट्रैक कोर्ट केके महथा की अदालत ने मारपीट और जानलेवा हमले के एक आरोपित को दोषी पाकर दस-दस साल कारावास की सजा सुनाई है। मामला बांका थाना क्षेत्र के ही मदौड़ा निवासी मनोज पंडित को सुनाई गई है। इस मामले में मिथिलेश पंडित और शांति देवी को दो-दो साल कारावास की सजा सुनाई गई है। अभियोजन पक्ष की जानकारी के अनुसार पांच जुलाई 2009 को गांव में जमीन विवाद को लेकर मारपीट हुई थी। जिसमें जयप्रकाश पंडित, निरंजन पंडित व संजीव कुमार को मारपीट कर जख्मी कर दिया गया था। इस मामले में जयप्रकाश पंडित के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। नौ गवाहों का पक्ष् सुनाते हुए अदालत ने मनोज पंडित को दोषी पाकर सजा दी। बहस में पीपी हीरालाल ¨सह तथा बचाव पक्ष से राजकिशोर प्रसाद ¨सह ने भी बहस में हिस्सा लिया।


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