विद्यालय की भूमि पर मलाई मार रहे अतिक्रमणकारी
बांका। जिला में अभी 21 सौ प्रारंभिक तथा 72 माध्यमिक विद्यालय है। इसमें करीब पांच सौ विद्यालय पुराने हैं।
बांका। जिला में अभी 21 सौ प्रारंभिक तथा 72 माध्यमिक विद्यालय है। इसमें करीब पांच सौ विद्यालय पुराने हैं। जिसकी स्थापना के वक्त ही इसके संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में स्थानीय लोगों के माध्यम से भूमि उपलब्ध कराई गई थी। विद्यालयों को तब दो एकड़ से 30 एकड़ तक जमीन मिली थी। खासकर सभी 10 बुनियादी विद्यालय को खेती के लिए बड़ी मात्रा में जमीन उपलब्ध कराई गई थी। तब इस जमीन की रजिस्ट्री भी सरकार के नाम से हुई। पर अब बदले परिवेश पर विद्यालयों का हजारों एकड़ जमीन फिर गायब है। यह जमीन किस स्थिति में और कहां है कहना मुश्किल है। शिक्षा विभाग के पास भी इसका आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। हद तो यह खुद विद्यालय को भी अपने जमीन का पता ठिकाना नहीं रहा है। विद्यालय की जमीन को लेकर गांव के लोग भी संवेदनशील नहीं रहे हैं। नतीजा, जिसको जहां मौका लगा विद्यालय की जमीन पर कुंडली मार बैठ गया है। पुरानी पीढ़ी के शिक्षकों के पास इसका कागजात भी था। पर अब अधिकांश विद्यालय इसका कागजात के नाम पर हाथ उठा ले रहे हैं।
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पिछले सप्ताह स्टेडियम निर्माण की जमीन खोजने बांका सीओ एमआरडी स्कूल पहुंचे। स्कूल के पास जमीन का कोई कागजात नहीं मिला। जयपुर हाईस्कूल की जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। विद्यालय को जमीन की कोई जानकारी ही नहीं है। ककवारा हाईस्कूल की जमीन कहां और किसके पास है किसी को पता नहीं है। मिर्जापुर चंगेरी हाईस्कूल की जमीन पर भी अब दूसरे लोग हक जता रहे हैं। शहर के मुर्गीडीह विद्यालय भवन को चारों तरफ से लोगों ने घेर रखा है। बुनियादी विद्यालय खमारी, सलेमपुर, चिलकावर, कुर्मा, जयपुर, भतकुंडी, डांड़ा आदि को 20 से 30 बीघा जमीन मिला था। सभी जमीन पर कुछ लोग खेती कर रहे हैं। पर उपज न विद्यालय को न सरकार को मिल रही है। कई जगह दानदाता के परिजन ही इस जमीन पर कुंडली मार बैठे हैं।
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कोट
हाल में सरकार से सभी विद्यालयों की जमीन खोजने का पत्र आया है। इस संबंध में सभी विद्यालय प्रधानों को आवश्यक रूप से जमीन का कागजात दुरुस्त करने को कहा गया है। प्रधानाध्यापक खुद रुचि लेकर इसका कागजात उपलब्ध रखेंगे। इसमें लापरवाही बरतने वाले विद्यालय प्रधानों पर कार्रवाई की जाएगी।
अनिल शर्मा, डीईओ