Move to Jagran APP

बिहार में शराबबंदी की खुली पोल, यहां बच्चों से कराई जाती है शराब की बिक्री, जानिए

बिहार में शराबबंदी का कानून लागू है। लेकिन बांका जिले में शराबबंदी की पोल खुलती नजर आ रही है। यहां हर चौक-चौराहे पर दूध की तरह शराब बिकती है। जानिए इस खाबर में...

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 11:54 AM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 10:43 PM (IST)
बिहार में शराबबंदी की खुली पोल, यहां बच्चों से कराई जाती है शराब की बिक्री, जानिए
बिहार में शराबबंदी की खुली पोल, यहां बच्चों से कराई जाती है शराब की बिक्री, जानिए

बांका, जेएनएन।  सूबे में शराबबंदी कानून प्रभावी होने के बाद से इसे पीना और बेचना दोनों अपराध है। इसके बावजूद झारखंड सीमा से लगे बांका जिले में शराब दूध की तरह गली-गली में बिक रही है। प्रतिबंध के शुरुआती दिनों में भले कुछ सख्ती दिखी, पर समय बीतने के साथ अब इसकी बिक्री सामान्य हो गई है। बांका जिले की दो तिहाई सीमाएं झारखंड से जुड़ी हुई होने के कारण कई रास्तों से वहां से शराब की खेप आसानी से यहां पहुंच रही है।

loksabha election banner

मुख्य सड़कों पर सख्ती के बाद यह ग्रामीण रास्तों और रेल मार्ग से भी आसानी से यहां पहुंच रही है। फलत: बिहार के दूसरे जिलों की तुलना में इस जिले में यह बड़ी आसानी से उपलब्ध हो रही है। बांका पुलिस और उत्पाद विभाग की लगातार छापेमारी में भी यहां की गली-गली में इसके बिकने की पुष्टि हो  रही है।

इन विभागों की छापेमारी में औसतन हर दिन कहीं न कहीं शराब मिल रही है। पुलिस थाने में भी शायद ही कोई दिन ऐसा होता हो जिस दिन शराब कारोबारी के खिलाफ वहां प्राथमिकी दर्ज नहीं होती हो। बांका मंडल कारा की भी बात करें तो वहां के एक तिहाई बंदी शराब और इससे जुड़े मामलों से ही संबंधित है।  

बालकों को लगाया गया शराब बिक्री में 

ग्रामीण इलाकों के अलावा बांका शहर में भी शराब बिक्री का कारोबार खूब फल फूल रहा है। पुलिस की  इसमें कुछ बड़े लोगों के अलावा बाल दस्ते को भी गली-गली और घर-घर घूम कर शराब पहुंचाने के काम पर लगाया गया है।

शहर के तारा मंदिर, शनि मंदिर, भयहरण स्थान, एमआरडी स्कूल के पीछे के नुक्कड़ आदि जगहों पर हर शाम शराब की बड़ी खेप उतर रही है। इन्हें झाडिय़ों में छिपा कर रखा जाता है। वहां से 10 से 15 साल के बच्चे व किशोर इसे संबंधित लोगों तक पहुंचा रहे हैं। शहर की पुलिस इस कारोबार के प्रति संवेदनहीन बनी हुई है। 

पुलिस अधीक्षक स्वप्नाजी मेश्राम का कहना है कि शराब की अवैध बिक्री पर पुलिस की पैनी नजर है। झारखंड सीमा के अलावा सभी थानों की पुलिस को शराब से जुड़े मामलों में अलर्ट रहने की हिदायत दी गई है।  इसी सक्रियता के कारण बांका में पुलिस को रिकार्ड मात्रा में शराब पकडऩे और इसके निर्माण के उछ्वेदन में सफलता मिली है।

इस वर्ष जब्त की गई शराब 

महीना   देसी शराब  विदेशी शराब    कुल मामले 

जनवरी   970 ली.   831ली.        54

फरवरी    161 ली.   141 ली.       38

मार्च     389ली.    1589 ली.      95

अप्रैल    132 ली.    349 ली      35

मई       170 ली.    430 ली.     43      

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.