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मछुआ समिति पर परिवार का कब्जा

बांका। प्रखंड के मत्स्य पालकों के लिए मजबूत मछुआ परिवार ही बाधा खड़ी कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 09:51 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 09:51 PM (IST)
मछुआ समिति पर परिवार का कब्जा
मछुआ समिति पर परिवार का कब्जा

बांका। प्रखंड के मत्स्य पालकों के लिए मजबूत मछुआ परिवार ही बाधा खड़ी कर रहे हैं। सरकारी स्तर से अब मत्स्यजीवी सहयोग समिति के माध्यम से ही प्रखंड क्षेत्र के तालाबों की बंदोबस्ती होनी है। बौंसी के मत्स्यजीवी समिति पर एक ही परिवार ने कब्जा जमा लिया है। जिससे सामान्य मछली पालकों को तालाब नहीं मिल पाता है। समिति अपनी होने पर वे एक-एक बांध तालाब का सैरात तीन से चार हजार रुपये में आवंटित कर देते हैं। बौंसी में पिता अध्यक्ष बना है तो सचिव पुत्र और पुत्रवधु उपाध्यक्ष। मत्स्यजीवी समिति पदाधिकारियों का चुनाव मनमाने ढंग से हो रहा है। एक ही परिवार के अधिकांश सदस्य अपना नाम वोटर लिस्ट में सूचीबद्ध किए हुए हैं। नतीजा प्रखंड के गुरिया, नयागांव, कुड़रो, श्यामबाजार आदि के मत्स्यजीवी परिवार को मछली पालन का लाभ नहीं मिल पाता है। गुरिया के एक सदस्य ने काफी लिखा पढ़ी की तब उसे सदस्य बनाया गया। अभी समिति के पदेन अध्यक्ष श्याम मल्लाह हैं। उनका पुत्र सचिव और पुत्रवधु समिति उपाध्यक्ष है। बीसीओ अरुण कुमार ने कहा कि प्रखंड को-ऑपरेटिवचुनाव कराती है। मत्स्य विभाग सैरात के नाम एक साथ प्रखंड के जलकर की बंदोबस्ती कर देती है।

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