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देर रात तक अपनी दुकान सहेजते रहे दुकानदार

बांका। बाजार के अतिक्रमणकारियों पर पुलिस कभी इतनी सख्त नहीं हुई थी। इस बार सख्ती हुई तो शाम तक कई दुकानदार अपने उजड़े चमन को सहेजते रह गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 09:06 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 09:06 PM (IST)
देर रात तक अपनी दुकान सहेजते रहे दुकानदार
देर रात तक अपनी दुकान सहेजते रहे दुकानदार

बांका। बाजार के अतिक्रमणकारियों पर पुलिस कभी इतनी सख्त नहीं हुई थी। इस बार सख्ती हुई तो शाम तक कई दुकानदार अपने उजड़े चमन को सहेजते रह गए। उनकी दुकानें नहीं खुल सकी, जिससे कोई बिक्री नहीं हुई। मुख्य बाजार की पांच दर्जन से अधिक दुकानों के इस जद में आने से रविवार को नहीं खुल सकीं। साथ ही दैनिक आमदनी पर निर्भर ऐसे दुकानदारों की जीविका पर भी इस अभियान ने संकट ला दिया है।

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सबसे पहले थाना के सामने कोर्ट परिसर के बाहर से अभियान शुरू हुआ। दो साल पहले भी इसे साफ किया गया था, लेकिन एक-एक कर चाय-नाश्ता और कॉपी-कागज की दुकानें लगती गई। सूत्रों ने बताया कि सभी दुकानें पुलिस के किसी न किसी अधिकारी की मिलीभगत से खड़ी हुई। जेल गेट तक करीब दर्जन भर दुकानें पूरी तरह सड़क पर ही खड़ी थी। जेसीबी से सभी को तोड़ दिया गया। इसके बाद अभियान गांधी चौक के करीब पहुंचा। वहां कटोरिया रोड में चौक की कई दुकानों की बाहर निकली छतरी तोड़कर हटाई गई। भाजपा विधायक सह पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल के आवास के समीप पूरा बाजार ही सरकारी जमीन पर लगा है। यहां से अतिक्रमण हटाने का अभियान हर बार अछूता रह जाता था। इस बार जब जेसीबी ने दुकानों को अपने पंजे में लेना शुरू किया तो आक्रोश सामने आ गया। बाजार में सबसे अधिक नुकसान इस जगह की दुकानों को हुआ। इसके अलावा कटोरिया रोड में डीईओ कार्यालय के समीप की कई दुकानें भी अभियान शुरू होने पर खुद ब खुद हटने लगी।


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