घर-घर बंटा खरना का प्रसाद, सूर्य को पहला अर्घ्य आज
बांका। सूर्य उपासना का पर्व छठ को लेकर वातावरण भक्तिमय हो गया है। हर तरफ स्व'छता की झलक दिख रही है।
बांका। सूर्य उपासना का पर्व छठ को लेकर वातावरण भक्तिमय हो गया है। हर तरफ स्वच्छता की झलक दिख रही है। बच्चों से युवाओं तक की टोली गली-गली में गंदगी और कचरे पर दुश्मन बन कर टूट पड़ी है। घर से छठ घाट तक सब सामाजिक सहयोग से चकाचक हो रहा है। जिस गांव में जलस्त्रोत सूखा है वहां ¨सचाई मशीन से पानी डाल कर अर्घ्य दान लायक तैयार किया जा रहा है। त्योहार को लेकर गांव-गांव में लोगों की भीड़ जुट गई है। सोमवार को सुबह से ही बाजार में व्रती और उसके परिजन खरीदारी के लिए सुबह से उमड़े रहे। सुबह दस बजे के बाद से ही शहर का पूरा बाजार खचाखच भरा रहा। बाजार में नारियल, सेब, केला, बड़ा नींबू, संतरा, गन्ना, आदि, मूली, फल की खूब खरीदारी हुई। इधर, व्रती सोमवार को दिन भर उपवास रही। शाम को नदी स्नान के बाद घर पर पवित्र तरीके से मीठे रस का खीर प्रसाद बना। इसे ग्रहण करने के बाद घर-घर इसके प्रसाद का वितरण हुआ। व्रती महिलाओं के घर देर रात तक इसका प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। वहीं शहर के चांदन और ओढ़नी नदी में शाम को व्रती महिलाओं की स्नान को भीड़ दिखी। वहीं से जल लाकर घर में खरना का प्रसाद ग्रहण किया। इधर, घाटों पर वॉच टावर निर्माण, महिलाओं के वस्त्र बदलने के केबिन आदि निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है। शहर में गहरी खुदाई के बाद चांदन और ओढ़नी नदी में छठ करने लायक पानी जमा हो गया है। मंगलवार शाम को लाखों लाख श्रद्धालु नदी घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचेंगे। बुधवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ पर्व का समापन होगा।