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शहर से लेकर गांव तक छठ से माहौल हुआ भक्तिमय

बांका। छठ पूजा नेम निष्ठा का पर्व है। छठ के नियमों का पालन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। खरना का मतलब शुद्धिकरण होता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 09:14 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 09:14 PM (IST)
शहर से लेकर गांव तक छठ से माहौल हुआ भक्तिमय
शहर से लेकर गांव तक छठ से माहौल हुआ भक्तिमय

बांका। छठ पूजा नेम निष्ठा का पर्व है। छठ के नियमों का पालन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। खरना का मतलब शुद्धिकरण होता है। इस दिन विशेष रूप से प्रसाद बनाकर लोगों के बीच वितरण किया गया। चावल व गुड़ का खीर बनाकर व्रतियों ने प्रसाद तैयार किया। इस प्रसाद के ग्रहण के बाद ही व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखतीं है। इसको लेकर बाजार में चहल पहल तेज रही। वहीं, दूध की खूब मांग रही। झारखंड से भी दूध सुधा कंपनी ने लाया।

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शंभूगंज : खरना का विशेष महत्व है। नेम निष्ठा के साथ गन्ने की रस का रसिया तैयार कर केले के पत्ते पर रसिया, फल, फूल से भगवान का आह्वान करती हैं। खरना पर्व पर गन्ने का बाजार गर्म रहा। गन्ना का रस 30 से 40 रुपये लीटर तक बिका।

बेलहर: खरना को लेकर दूध की कीमत में तेजी रही। ग्रामीण क्षेत्रों में भी छठ पूजा को लेकर काफी चहल पहल रही। पंचायत व स्थानीय प्रशासन स्तर से कोई सुविधा मुहैया नहीं होते देख चंदा इकट्ठा कर जेसीबी मशीन और श्रमदान से घाट का निर्माण किया।

अमरपुर: खरना को लेकर ईख मिल में गन्ना के रस के लिए पूरे दिन भीड़ लगी रही। गन्ना रस की बढ़ती मांग के कारण गन्ना मिल में 15 रुपये लीटर की दर से बिक्री हुई। इसके अलावा केला तथा फल खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। नगर पंचायत के विभिन्न घाटों पर का जायजा कार्यपालक पदाधिकारी नीलम श्वेता ने किया।

कटोरिया: छठ को लेकर बाजारों में जो रौनक देखने को मिल रही है, उससे इस पर्व की महानता को सिद्ध कर दिया है। खरना के दिन कटोरिया, सुईया, आनंदपुर, राधानगर, जमदाहा, इनारावरण अन्य बाजारों में रौनक देखने को मिली। हर लोग खरीददारी में जुटा रहा। ईख, नारियल, केला के कलसुप, सेव, संतरा, मूली, अदरक, जैसे छठ में लगने वाले फलों की जमकर खरीददारी हुई। कटोरिया बाजार के कटोरिया चौक, देवघर रोड, सुईया रोड, बांका रोड तथा राधानगर बाजार में सजा ईख का बाजार इस महापर्व का गुणगान कर रहा है। पारंपरिक गीतों से पूरा बाजार से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भक्तिमय रहा।


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