Move to Jagran APP

Banka News: बांका में आफत की बारिश, कटोरिया में वज्रपात से सगे भाई-बहन सहित 3 की मौत

बांका के जयपुर थाना क्षेत्र के आदर्श ग्राम कोल्हासार पंचायत के भंडारकोला गांव में बुधवार की दोपहर वज्रपात से एक साथ तीन लोगों की मौत हो गई। तीनों मवेशी चराने के लिए गए थे। बारिश होने पर सभी पलाश के पेड़ के नीचे खड़े हो हए थे।

By Anil kumar sharmaEdited By: Umesh KumarPublished: Wed, 14 Sep 2022 10:58 PM (IST)Updated: Thu, 15 Sep 2022 01:44 AM (IST)
Banka News: बांका में आफत की बारिश, कटोरिया में वज्रपात से सगे भाई-बहन सहित 3 की मौत
बांका में वज्रपात से तीन लोगों की मौत। (फाइल फोटो)

बांका, जागरण संवाददाता। बिहार के कटोरिया प्रखंड में बुधवार दोपहर आसमान से आफत की बारिश हुई। आदर्श ग्राम कोल्हासार पंचायत के भंडारकोला गांव में वज्रपात से एक साथ तीन लोगों की मौत हो गई। जिसमें दो सगे भाई-बहन के साथ एक नाबालिग बच्ची शामिल है।

loksabha election banner

भंडारकोला गांव के 70 वर्षीय बसंती देवी एवं 65 वर्षीय मसूदन यादव दोनों सगे भाई -बहन की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उसी गांव के लालधारी यादव की 13 वर्षीय पुत्री सोनी कुमारी को घर ले आते समय मृत्यु हो गई।

सागे भाई-बहन की मौत से मचा कोहराम

ग्रामीणों ने बताया कि तीनों भंडारकोला गांव के नदी किनारे रोज की तरह मवेशी चरा रहे थे। इस बीच शाम लगभग तीन बजे वर्षा से बचने के लिए तीनों पलाश के पेड़ के पास जमा हो गए। इसी दौरान वज्रपात हुआ और तीनों की अकाल मृत्यु हो गई। आसपास चर रहे दो मवेशियों की भी मौत हो गई।

एक साथ उठी तीन अर्थी

वज्रपात से एक साथ हुई तीन मौत की खबर ने पूरी पंचायत के लोगों को झकझोर कर रख दिया। घटना को लेकर शाम को गांव के कई घरों में चूल्हे नहीं जले। सरपंच पूरन पंडित ने मौके पर पहुंचकर मृतक के स्वजनों को हर संभव सहायता करने का भरोसा दिया।

पंचायत के मुखिया वसीम हुसैन ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार को सहायता करने का आश्वासन दिया है। सीओ सागर प्रसाद ने वज्रपात से मौत हुई स्वजनों को चार-चार लाख मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है।

बेटी ने मवेशी चराने से किया था मना

अपनी बूढ़ी मां के सहारे ननिहाल में बसी बसंती देवी की बेटी सुमित्रा देवी फूट-फूटकर रोते हुए विलाप कर रही थी। वह लगातार एक ही बात कहे जा रही थी कि अब वह किसके सहारे जीयेगी। मौसम खराब होने की वजह से वह बार-बार मां को मवेशी चराने जाने के लिए मना कर रही थी।

मां-बाप का हाथ बांटने गई थी बेटी

गांव की छात्रा सोनी कुमारी मौसम खराब की वजह से स्कूल नहीं जा सकी थी। अपने मम्मी-पापा के काम में हाथ बंटाने के लिए वो भी मवेशी खोल कर चराने पास के नदी किनारे चली गई। इस बीच आफत की वर्षा ने एक साथ तीनों की जिंदगी लील ली। छात्रा मध्य विद्यालय झारखंड में पढ़ती थी।

गांव में है चारे की कमी

घर में पाले हुए मवेशी को खिलाने के लिए चारे का अभी से ही अभाव हो गया है। जिसको लेकर क्षेत्र के किसान अभी से ही चिंतित हैं। उसी की चिंता दोनों भाई-बहन को काल के गाल में खींच ले गया। 

मायके में रह रही थी बसंती

बसंती देवी अपनी एक बेटी और दामाद के साथ अपने मायके में ही रहती थी। अपने भाइयों का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिलता रहा था। बुधवार को रोज की तरह बसंती देवी अपने छोटे भाई मसूदन यादव के साथ मवेशी चराने नदी किनारे गई थी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.