चूल्हा-चौका छोड़ आधी आबादी ने बूथों पर लगाया जोर
बांका। अभी सुबह के आठ बजने वाले हैं। धोरैया की बड़ी अल्पसंख्यक आबादी वाले चलना बूथ पर महिलाओं की कतार पुरुषों की तुलना में तीन से चार गुनी हो गई है। पूछने पर पता चला कि पहले घंटे में ही महिलाएं पुरुषों की तुलना में दुना वोट डाल चुकी है।
बांका। अभी सुबह के आठ बजने वाले हैं। धोरैया की बड़ी अल्पसंख्यक आबादी वाले चलना बूथ पर महिलाओं की कतार पुरुषों की तुलना में तीन से चार गुनी हो गई है। पूछने पर पता चला कि पहले घंटे में ही महिलाएं पुरुषों की तुलना में दुना वोट डाल चुकी है।
सुबह-सुबह ही बूथ 179 मध्य विद्यालय कुरमा, बूथ 212 प्राथमिक विद्यालय नौआबांध में भी महिलाओं की बूथ पर कतार खड़ी दिख रही है। पुरुषों की पंक्ति में इक्का दुक्का लोग हैं। बूथ 240 चंद्रपुरा व 241 महमदपुर में भी महिलाओं का अधिक मतदान हो चुका है। कतार में भी महिलाओं की भीड़ अधिक है। चुनाव नियंत्रण कक्ष में दोपहर दो बजे तक भी महिला और पुरुष के मतदान प्रतिशत में महिलाएं चार फीसद तक आगे निकल चुकी है। शाम पांच बजे मतदान खत्म होते-होते मतदान प्रतिशत का फासला पांच प्रतिशत हो गया है। जबकि हर मतदाता सूची में महिला की संख्या पुरुषों से कम है। लेकिन आधी आबादी मतदान में कम नहीं रहने के मूड में थी। बल्कि आधी आबादी ने मतदान में पूरा जोर लगा दिया। सुबह-सुबह ही महिलाएं तैयार होकर बूथ के लिए निकल गई। चूल्हा-चौका आज उनके लिए पहले स्थान पर नहीं रही। मतदान के बाद ही उसके चूल्हे में आग सुलगी। कुशमी बूथ पर जयंती देवी, गायत्री देवी सहित कई महिलाओं ने बताया कि सरकार ने आधा पद महिला को दे दिया है तो वोट में महिला अब काहे पीछे रहेगी। खाना हर दिन घर में बनाना ही है। आज पहले गांव की सरकार चुन लें, फिर खाना-पीना चलता रहेगा। पड़रिया के पास राधा देवी, आरती देवी ने बताया कि घास काटने बहियार जाना है। लौटने में देरी हो गई तो वोट छूट जाएगा। इसलिए सुबह पहले मतदान कर लिया है।