सौ जर्जर सड़कों में एक मिर्जापुर-किरणपुर पथ
बांका। सौ जर्जर सड़कों में एक है मिर्जापुर-किरणपुर मुख्य पथ। स्थिति यह है कि सात किलोमीटर जाने में घंटों लग जाते हैं।
बांका। सौ जर्जर सड़कों में एक है मिर्जापुर-किरणपुर मुख्य पथ। स्थिति यह है कि सात किलोमीटर जाने में घंटों लग जाते हैं। इस मार्ग पर जान हथेली पर रखकर ग्रामीण आवाजाही कर रहे हैं। इसके बाद भी प्रशासन को चिता नहीं है। स्थिति यह हो गई है कि सड़क जगह-जगह खाई में तब्दील हो चुकी है। पथ पर बने पुल, पुलियों ने भी दम तोड़ दिया है। कहीं-कहीं तो पुलिया के बीचों बीच गड्ढा बन गया है। रोजना हो रहे दुर्घटनाओं से लोगों के हाथ पैर टूट रहे हैं। यह स्थिति पिछले पांच वर्षों से है। सड़क की स्थिति देख बडे़ वाहनों का परिचालन बिल्कुल बंद है। शिक्षिका निभा कुमारी ने बताया कि ऑटो और जुगाड़ गाड़ी भी अब सड़क पर चलने से कतराने लगे हैं। जबकि इस पथ से मिर्जापुर, मसौथा, कम्मडी, जगतापुर, कुन्नथ, कुन्था, घोषपुर, पड़रीया, मोहनपुर सहित दर्जनों गांव प्रभावित होते हैं। ज्ञात हो कि एक दशक पूर्व ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के तहत करीब एक करोड़ 65 लाख की लागत से सड़क मरम्मत कार्य किया गया। संवेदक की लापरवाही से सड़क कुछ वर्षों में ही टूटने लगा। उसके बाद आज तक सड़क की सुध किसी ने नहीं ली। मौजूदा हालात है कि सड़क की बदहाली देख लोग दो किलोमीटर की दूरी को आठ किलोमीटर घूमकर जाना पसंद करते हैं। मिर्जापुर के मुखिया हीरालाल पासवान, पूर्व पंसस गौतम राय, विजय प्रसाद सिंह, नीरज कुमार, प्रमोद सिंह, श्यामदेव सिंह सहित अन्य ने बताया कि सड़क की समस्या गंभीर समस्या है। इसके लिए कई बार स्थानीय सांसद एवं विधायक का ध्यान आकृष्ट कराया लेकिन आज तक आश्वासन देते रह गए। कहा कि इससे क्षेत्रवासियों में रोष उत्पन्न हो रहा है। यदि शीघ्र ही निर्माण कार्य नहीं होता है तो आंदोलन किया जाएगा।
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कोट
आचार संहिता के चलते जिला परिषद की बैठक नहीं हो सकी है। आचार संहिता समाप्त होते ही प्रस्ताव को अनुमोदित कर सड़क निर्माण कार्य कराया जाएगा।
जनार्धन मांझी, विधायक