Move to Jagran APP

मांगी गलतियों की माफी, बच्चों ने की आतिशबाजी

बांका। शव-ए-बरात को लेकर शनिवार को नमाज अदा कर रोजा रखा। बताया जाता है कि आज के दिन लोग अपने पूर्वजों की कब्र पर जाकर दुआ मांगते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 09:44 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 09:44 PM (IST)
मांगी गलतियों की माफी, बच्चों ने की आतिशबाजी
मांगी गलतियों की माफी, बच्चों ने की आतिशबाजी

बांका। शव-ए-बरात को लेकर शनिवार को नमाज अदा कर रोजा रखा। बताया जाता है कि आज के दिन लोग अपने पूर्वजों की कब्र पर जाकर दुआ मांगते हैं। गरीब लोगों को भोजन करा कर निस्सहाय की मदद करने का संकल्प लिया। चलना गांव निवासी इंतसार आलम ने बताया कि सुबह पवित्र होकर सभी मुस्लिम भाई नमाज अदा करते हैं। उसके बाद गरीबों को भोजन कराते हैं। जिससे कोई भूखा नहीं रहे। शाम को कब्रिस्तान पर जाकर अपने पूर्वजों की कब्र पर की गई गलतियों की माफी को लेकर दुआएं मांगते हैं।

loksabha election banner

बौंसी: काजी कैरी निवासी मु. खलील ने बताया कि कैरी पीर मजार शरीफ के मस्जिद में मजार-ए-शरीफ के गद्दीनशी हाजी मौलाना हसनैन रजा कादरी की अगुवाई में इबादत की गई। साथ ही जन्नतनशीन बुजुर्गों के नाम से फतिया के रस्मों की अदायगी की गई। हलुवा, बर्फी आदि का चढ़ावा किया गया। शनिवार एवं रविवार को दो दिनों तक रोजा रखने की बात कही गई। प्रखंड के दलिया मुस्लिम टोला, नयागांव मोमिन टोला, डहुआ, हेचला, गोलहट्टी मोमिन टोला, बलुआतरी, अमरबढ़ैत, बेनामोहनपुर, गज्जर, बंशीपुर, महाराणा, अरकट्टा, भुड़कुड़िया, सिकंदरपुर, चुआंपानी, कोल्हाडीह, बिरनियां, खोरीमोह, सरैया, मडुआवरण, पोरायं, बहगा आदि अल्पसंख्यक गांव में शव-ए-बरात मनाई गई। खुशी में बच्चों ने पटाखे भी छोड़े। अब्दुल जब्बार अंसारी बताते हैं कि यह त्योहार हमें गरीबों की मदद का संदेश देता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.