भूकंप के समय सतर्कता से ही बचाई जा सकती है जान
संवाद सूत्र बांका आज से 21 जनवरी तक भूकंप सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। शनिवार को मंडल कारा बांका में वर्चुअल मोड में सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया। आपदा विशेषज्ञ राघवेंद्र ज्योति व कविता ने बंदियों को भूकंप के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही बचाव के रास्ते बताए।
- जेल में बंदियों ने जाना भूकंप आने के बाद बचाव के उपाय
- भूकंप सप्ताह पर लोगों को किया जाता है जागरूक
फोटो: 15बीएन 20
संवाद सूत्र, बांका : आज से 21 जनवरी तक भूकंप सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। शनिवार को मंडल कारा बांका में वर्चुअल मोड में सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया। आपदा विशेषज्ञ राघवेंद्र, ज्योति व कविता ने बंदियों को भूकंप के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही बचाव के रास्ते बताए। जेल से ही कई अन्य जेलों को आनलाइन माध्यम से जोड़ा गया।
जेल अधीक्षक सुजीत कुमार राय ने बताया कि 1934 को देश में भयंकर भूकंप आया था। उस समय बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हुई थी। उस समय लोग जागरूक नहीं थे। लोगों को बचाने के लिए अब हर साल भूकंप सप्ताह में लोगों को जागरूक किया जाता है। भूकंप को कभी रोका नहीं जा सकता, लेकिन सजगता से बड़ा नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
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भूकंप के समय खुली जगहों पर आने की करें कोशिश
आपदा विशेषज्ञों ने बताया कि यह धरती के अंदर की हलचल से पैदा होने वाला आपदा है। इससे लड़ा नहीं जा सकता है। बक्लि इससे बचने के लिए सुरक्षा के उपाय किए जा सकते है। सभी बंदियों एवं कर्मियों को भूकंप आने की स्थिति में घर से बाहर निकलकर खुले स्थानों में आने की कोशिश करें। ऐसे जगह जाए जहां आसपास कोई बड़ी इमारत और पेड़ न हो। इस दौरान लिफ्ट का उपयोग नहीं करें। इस दौरान बिजली आने से आप फंस सकते हैं। यदि आप गाड़ी चला रहे हैं तो पुल पार करने की कोशिश न करें। घर में किसी बड़े फर्नीचर और खिड़की के नजदीक न रहें। घर को भूकंपरोधी बनाएं। इसके साथ ही घर में हमेशा प्राथमिक उपचार का किट रखें। इस मौके पर जेल उपाधीक्षक निर्मल कुमार प्रभात, सहायक अधीक्षक विकास कुमार, प्रोग्रामर चंदन कुमार, सिकेश कुमार, नीरज शर्मा, गुड्डू गिरी, अरविद कुमार सहित अन्य कारा कर्मी मौजूद थे।