बांका में मुख्य पार्षद पर मनमानी का आरोप, CCTV और यूरिनल कैबिन योजना पर बवाल तेज
बांका के अमरपुर नगर पंचायत में सीसीटीवी कैमरे और यूरिनल कैबिन योजना को लेकर विवाद गहरा गया है। वार्ड पार्षद पंकज कुमार दास ने मुख्य पार्षद पर मनमानी क ...और पढ़ें
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पंकज कुमार दास, वार्ड पार्षद (सात) नपं अमरपुर। (जागरण)
संवाद सहयोगी, अमरपुर (बांका)। शहर में तीसरी आंख से निगहबानी के नाम पर मुख्य सड़कों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने और चौक-चौराहों पर पोर्टेबल यूरिनल कैबिन स्थापित किए जाने को लेकर नगर पंचायत में एक बार फिर विवाद गहरा गया है।
योजनाओं के क्रियान्वयन में मनमानेपन के खिलाफ वार्ड पार्षद पंकज कुमार दास ने मुख्य पार्षद रीता साहा एवं उनके तथाकथित प्रतिनिधि पर गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी है।
पिछले तीन दिनों से वार्ड पार्षद पंकज दास द्वारा इंटरनेट मीडिया पर खुलकर मुखर है। आरोप लगाया है कि नगर पंचायत की योजनाओं में नियमावली और प्रक्रिया को ताक पर रखकर अलोकतांत्रिक तरीके से राशि खर्च किया जा रहा है। साथ ही विकास योजनाओं व व्यय प्रस्तावों को न तो बोर्ड की सर्वसम्मति मिली और न ही किसी तरह की अभिलेखीय प्रक्रिया अपनाई गई।
मुख्य पार्षद एवं उनके पति तथाकथित प्रतिनिधि वार्ड पार्षदों की राय को लगातार नजरअंदाज कर मनचाहे ढंग से सरकारी राशि की लूट की जा रही है। बताया कि शहर में सीसीटीवी कैमरा लगाने पर एक करोड़ 32 लाख रुपये, जबकि एक पोर्टेबल यूरिनल कैबिन पर दो लाख रुपये की लागत है।
पार्षदों का आरोप है कि न तो इन योजनाओं पर किसी बैठक में प्रस्ताव लाया गया और न ही निविदा प्रक्रिया की जानकारी दी गई। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि कार्य किस एजेंसी से कराया जा रहा है। एक सोची-समझी साजिश के तहत नपं के सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि नवंबर महीना की मासिक बैठक में ही वार्ड पार्षद पंकज कुमार दास, प्रदीप कुमार साह पप्पू सहित अन्यों वार्ड पार्षदों ने सीसीटीवी मद में खर्च, निविदा प्रक्रिया और एजेंसी चयन की जानकारी मांगी थी।
लेकिन बैठक में ईओ, मुख्य पार्षद और कर्मियों द्वारा गोल-मोल जवाब देकर बात को टाल दिया गया था। लेकिन शहर में पिछले तीन दिन से अचानक शहर में कैमरे लगाने का कार्य शुरू होते ही सवालों ने जोर पकड़ लिया है।
वार्ड पार्षदों का कहना है कि मुख्य पार्षद संगठित रूप से नगर पंचायत की राशि को हड़पने में जुटी है। आक्रोशित वार्ड पार्षदों ने कहा कि नपं में यदि पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं की गई तो व्यापक विरोध और आंदोलन शुरू किया जायेगा।
शहर में वर्तमान में है यह जरूरी कार्य
नपं के दस वार्ड में घर-घर नल का जल के लिए आठ करोड़ रुपया से अधिक राशि का खर्च किया गया है। लेकिन पाइपलाइन सही ढंग से नहीं करने से महज दस फीसदी घरों तक पानी की सप्लाई नहीं हो पा रहा है।
इसके अलावा शहर में साफ -सफाई को लेकर जूलाई महीना में ही संवेदक सोशल इंस्टीट्यूट फार वीकर सेक्शन का निविदा समाप्त हो गया है। नपं के द्वारा दो महीना का एक्सटेंशन दिया गया है। लेकिन अक्टूबर महीना से शहर की साफ-सफाई भगवान भरोसे है।
नगर पंचायत में जो भी विकास कार्य हुआ है या फिर जो हो रहा है। वह बोर्ड के बैठक में पारित एवं अनुमोदन प्राप्त है। कुछ वार्ड पार्षद अपने निहित स्वार्थ एवं गलत मंशा से शहर में लग रहे सीसीटीवी कैमरा एवं पार्टेबल यूनिरल कैबिन का विरोध कर रहे है। जो भी कार्य किया जा रहा है। वह पूर्णतः नियमानुकूल है।
रीता साहा, मुख्य पार्षद नगर पंचायत अमरपुर
नवंबर महीना के बोर्ड की बैठक में शहर में सीसीटीवी कैमरा लगाने, ट्रैक्टर एवं सेफ्टी टैंक क्रय आदि का अभिलेख, निविदा प्रक्रिया आदि की जानकारी मांग किया था। लेकिन बोर्ड की बैठक में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दिया गया। किसी भी योजना के चयन एवं क्रियान्वयन के लिए बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित करना अनिवार्य है। लेकिन मुख्य पार्षद एवं उनके तथाकथित प्रतिनिधि सारे नियम कानून को ताक पर रख कर सरकारी राशि का बंदरबांट करने में लगा है। सीसीटीवी कैमरा लगाने में एक करोड़ 32 लाख रूपया खर्च किये जाने की जानकारी मिली है। जो इतनी बड़ी राशि एक बडे घटोले की ओर इशारा कर रही है।
पंकज कुमार दास, वार्ड पार्षद (सात) अमरपुर

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