जाको राखे साइयां मार सके ना कोय- मां ने बेटी को जिंदा दफनाया, ये थी वजह, जानिए
क्रूर मां ने अपनी डेढ़ महीने की बच्ची को मिट्टी में दफना दिया, उसका कसूर इतना था कि वह देख नहीं सकती थी। बच्ची मिट्टी के भीतर दफन रही। लेकिन जाको राखे साईयां मार सके ना कोय...जानिए
बांका [जेएनएन]। डेढ़ महीने पहले उसका जन्म हुआ था। उसकी आंखें नहीं थीं। वह देख नहीं सकती थी। उसकी मां ने उसे जिंदा दफना दिया, ताकि छुटकारा मिल जाए। रविवार शाम कुछ लोगों ने उसकी आवाज सुनी। देखा कि मिट्टी में बच्ची दबी है। मुंह खुला हुआ है।
मनियां पंचायत के कूहका जोर के निकट ग्रामीणों ने जमीन में उसे दबा देखा था। पंचायत समिति सदस्य मनीष कुमार सुमन की सूचना पर कटोरिया अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. विनोद कुमार ने एंबुलेंस भेजकर बच्ची को मंगाया।
अस्पताल में मौजूद कुछ लोगों ने बच्ची को पहचान लिया। कागीसार निवासी सबिता देवी और उपेंद्र यादव की वह पुत्री है। बच्ची के नेत्रहीन होने के कारण उसके परिजनों ने उसे जिंदा ही मिट्टी से दफना दिया था।
ग्रामीणों का कहना है कि बच्ची को सुबह ही दफनाया गया था। बच्ची शाम तक मिट्टी में दबी रही। अब वह चिकित्सक की देखरेख में स्वस्थ है। चाइल्ड लाईन के निदेशक चिरंजीव कुमार ने बताया कि बच्ची को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के पास रखा गया। कोई गोद लेना चाहे तो उसे दिया जाएगा।