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सरकारी कार्यालयों का जिप अध्यक्ष ने किया औचक निरीक्षण

जिला परिषद अध्यक्ष प्रमिला देवी ने मंगलवार को विभिन्न सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इससे हड़कंप मच गया। कार्यालयों की व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकारी अधिकारियों और कर्मियों को सुधरने का आदेश दिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 11:21 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 11:21 PM (IST)
सरकारी कार्यालयों का जिप अध्यक्ष ने किया औचक निरीक्षण
सरकारी कार्यालयों का जिप अध्यक्ष ने किया औचक निरीक्षण

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : जिला परिषद अध्यक्ष प्रमिला देवी ने मंगलवार को विभिन्न सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इससे हड़कंप मच गया। कार्यालयों की व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकारी अधिकारियों और कर्मियों को सुधरने का आदेश दिया। अपने कार्य प्रणाली में सुधार लाएं और जनता को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जनता को यदि कोई समस्या आती है तो वह अपनी समस्याओं से अवगत कराएं। विभागीय लापरवाही को कतई बख्शा नहीं जाएगा। प्रमिला देवी के साथ उनके प्रतिनिधि शैलेश यादव, पवन पटेल एवं कई अन्य इस औचक निरीक्षण में शामिल रहे। औचक निरीक्षण का क्रम जिला परिषद अध्यक्ष ने प्रखंड कार्यालय से शुरू किया। उन्होंने बीडीओ योगेंद्र पासवान से सभी योजनाओं के संबंध में जानकारी ली। किस योजना में क्या प्रगति है, यह जाना। इसके बाद अंचल अधिकारी विजय कुमार से उन्होंने डाटा सेंटर के बारे में पूछा कि जब यह बनकर तैयार है तो उसे प्रारंभ क्यों नहीं किया जा रहा है। जनता को सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है। उन्होंने बताया कि आपरेटर नहीं है, इसलिए विलंब हो रहा है। इसके बाद अनुमंडल अस्पताल का निरीक्षण किया। बताया कि दो डाक्टर मिले। सिस्टम ठीक है कितु उसकी देखरेख सही नहीं है। आउटसोर्सिंग वाले काम सही से नहीं कर रहा है। नाश्ता खाना और चादर को लेकर मरीजों ने शिकायत दर्ज कराई। सीडीपीओ कार्यालय में जाकर प्रमिला देवी ने आंगनबाड़ी केंद्रों के बारे में पूछा तो उन्हें सीडीपीओ प्रतिमा कुमारी ने बताया कि 197 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। अभिभावक के आदेश पर बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र जा रहे हैं। इसके बाद में मनरेगा कार्यालय पहुंची। जहां कार्यालय बंद था। स्थिति यह थी कि एक कार्यालय में जिला परिषद अध्यक्ष और अन्य खड़े रहे और कर्मी बैठे हुए थे। बहुत देर बाद उन्हें समझ में बात आई तो उन्होंने आदर देने के लिए अपनी कुर्सी छोड़ी। आपूर्ति कार्यालय में इमो नहीं मिले इसके बाद पंचायती राज पदाधिकारी के कार्यालय में गए जहां पदाधिकारी से उन्होंने बातचीत की। इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गई। जहां एक भी मरीज नहीं मिला। हालांकि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से उनकी मुलाकात हुई।

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