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जलमीनार से नहीं मिला जल, बीत गए नौ साल

अंबा के बटाने नदी किनारे बने जलमीनार से पानी मिलने की आस में नौ वर्ष गुजर गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Nov 2017 04:54 PM (IST)Updated: Sun, 19 Nov 2017 04:54 PM (IST)
जलमीनार से नहीं मिला जल, बीत गए नौ साल
जलमीनार से नहीं मिला जल, बीत गए नौ साल

औरंगाबाद। अंबा के बटाने नदी किनारे बने जलमीनार से पानी मिलने की आस में नौ वर्ष गुजर गए। पानी सप्लाई की सिर्फ टे¨स्टग हुई पर सप्लाई आज तक नहीं संभव हो सका। लोगों का कहना है कि विभाग अपना दोष छिपाने के लिए वर्तमान में सप्लाई नहीं कर रहा है। निर्माण के बाद बिछाए गए पाइप लाइन अत्यंत घटिया है। जब भी पानी सप्लाई की बात होती है पानी लीक होने लगता है। अंबा में कई जगहों पर नल लगाए परंतु इतना कमजोर की पानी निकलने से पहले टूट गए। अंबा के देवरोड, नवीनगर रोड एवं अन्य स्थान पर टे¨स्टग के दौरान पानी सड़कों पर बहने लगा। विभाग की ¨नदा होने लगी तो सप्लाई बंद कर दिया गया। घटिया कार्य छिपाने को विभाग चुप है। पानी की आस में नागरिकों के कंठ सूखने लगे हैँ। जलमीनार के पास ही प्रखंड सह अंचल कार्यालय है परंतु अधिकारियों का ध्यान इस पर नहीं जाता है।

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सात निश्चय योजना के अधीन है पेयजलापूर्ति

अम्बा के जलमीनार निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2008 में मिली थी। तत्कालीन एनडीए सरकार में पेयजल मंत्री डा. प्रेम कुमार ने शिलान्यास किया था। तब उन्होंने कहा था कि इसका निर्माण दो वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। नौ वर्ष गुजर गए परंतु मीनार से पानी सप्लाई नहीं हुई। बताया जाता है कि इस जलमीनार से छह किमी की दूरी में पानी सप्लाई की जानी है।

सही तरीके से नहीं बिछाया पाइप

जलमीनार बनने के बाद अंबा बाजार एवं गांव में पानी सप्लाई के लिए पाइप बिछाया गया। कई जगहों पर नल लगाए गए परंतु पानी की सप्लाई संभव नहीं हो सकी। जैसे ही सप्लाई प्रारंभ हुआ पाइप लीक कर गया। पाइप का पानी घरों में सप्लाई की जगह सड़क पर बहने लगा। कई जगहों पर नल एवं पाइप बाहर आ गया। सघन बाजार में पानी की आवश्यकता अधिक होती है। हालांकि जाड़े के दिन होने के कारण लोगों को अभी ज्यादा परेशानी नहीं है पर गर्मी के दिन में यह परेशानी सिर चढ़कर बोलता है। गर्मी से पहले अधिकारियों को चाहिए वे इस कार्य को पूरा करा लें।

कोट

छठ के समय से पानी सप्लाई प्रारंभ की गई है। पानी का सप्लाई नियमित होगा। जो पाइपलाइन खराब हो गया है उसे बनाया जाएगा। नल का लीकेज ठीक करा लिया जाएगा।

गजेंद्र प्रसाद, जेई, पीचईडी विभाग


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