दो विद्यालयों के प्रधानध्यापक का वेतन बंद
सरकारी विद्यालयों की स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ती जा रही है। विद्यालय की स्थिति ठीक नहीं है। विद्यालय में न तो शिक्षक रहते हैं न छात्र। मध्याह्न भोजन
औरंगाबाद। सरकारी विद्यालयों की स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ती जा रही है। विद्यालय की स्थिति ठीक नहीं है। विद्यालय में न तो शिक्षक रहते हैं न छात्र। मध्याह्न भोजन भी मीनू के अनुसार नहीं बनता है। मध्याह्न भोजन में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी है अधिकांश विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के द्वारा गड़बड़ी की जा रही है। शुक्रवार को मध्याह्न भोजन प्रभारी डीपीओ अजय जायसवाल ने ओबरा प्रखंड के पांच विद्यालयों का निरीक्षण किया। एमडीएम में अनियमितता को लेकर दो विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा है। डीपीओ ने बताया कि मध्य विद्यालय अहियाड़ी में अनियमितता मिली है। मध्याह्न भोजन गैस पर बनाना है परंतु यहां सिलिडर रहते हुए भी उपयोग नहीं किया जा रहा था। गुणवत्ता पंजी नहीं थी। विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रभा कुमारी से कैश बुक मांगा गया तो नहीं दिया। प्रधानाध्यापक के घर पर कैशबुक था। छात्रों के भोजन में सलाद देना था परंतु नहीं दिया गया। प्राथमिक विद्यालय जगेया का निरीक्षण किया। निरीक्षण में प्रधानाध्यापक विनोद कुमार पासवान गायब मिले। गायब रहने के बाद भी उपस्थिति पंजी में हाजिरी बना था। इस विद्यालय में अनियमितता मिली। बच्चों के भोजन में अंडा नहीं दिया गया था। सलाद नहीं था। पुलाव की जगह सदा चावल परोसा गया था। विद्यालय के प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। दोनों विद्यालय के प्रधानाध्यापकों के जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। उधर जिला शिक्षा पदाधिकारी मो. अलीम ने रफीगंज प्रखंड के उच्च विद्यालय गाजी कर्मा का निरीक्षण 16 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे किया था। बच्चों की उपस्थिति मिली। डीईओ ने बताया कि विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 683 है परंतु उपस्थिति मात्र 26 थी। विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति न होना प्रधानाध्यापक डा. रेणु कुमारी की लापरवाही को दर्शाता है। लापरवाही को लेकर प्रधानाध्यापक का वेतन बंद कर दिया गया है। 10 अक्टूबर को नवीनगर प्रखंड के मध्य विद्यालय वजरबन की जांच की गई जिसमें प्रधानाध्यापक सत्यप्रकाश सिंह गायब मिले। विद्यालय के वर्ग कक्ष में बच्चों की उपस्थिति शून्य मिली। डीइओ ने बताया कि नामांकित बच्चों की संख्या 112 है परंतु जांच के क्रम में एक-दो बच्चे परिसर में खेलते नजर आए। वेतन बंद करते हुए स्पष्टीकरण पूछा गया है।