औरंगाबाद में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर नहीं है तैयारी
औरंगाबाद। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच सदर अस्पताल में अभी तैयारी नहीं है। यहां न बेड की स्थिति में सुधार हुआ है और न वार्ड बनकर तैयार हुआ। सदर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड नहीं है जिस कारण कोरोना के मरीज तड़पते रहते हैं।
औरंगाबाद। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच सदर अस्पताल में अभी तैयारी नहीं है। यहां न बेड की स्थिति में सुधार हुआ है और न वार्ड बनकर तैयार हुआ। सदर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड नहीं है जिस कारण कोरोना के मरीज तड़पते रहते हैं। अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। उसका कार्य पूरा नहीं हुआ है। इसका निर्माण होने पर सभी वार्डों में 1000 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन की आपूर्ति होगी। पाइपलाइन से वार्डों में आक्सीजन की सप्लाई की योजना है।
अस्पताल में जब वार्ड ही नहीं बने हैं तो आक्सीजन की सप्लाई कहां होगी, यह सोचा जा सकता है। शनिवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने आक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया था। अधिकारियों ने सबकुछ ओके बता दिया था।
बच्चा वार्ड में की जा रही आक्सीन की आपूर्ति:
सदर अस्पताल में 200 लीटर का आक्सीजन प्लांट चालू हो गया है। कुछ दिन पहले उद्घाटन हुआ था। इससे बच्चा वार्ड में आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। अस्पताल के प्रबंधक हेमंत राजन ने बताया कि प्रति मिनट 200 लीटर आक्सीजन की आपूर्ति इस प्लांट से होती है। बड़ा प्लांट जब बनकर तैयार होगा तो उससे प्रति मिनट 1000 लीटर आक्सीजन सदर अस्पताल में आपूर्ति होगी। पाइपलाइन के द्वारा वार्डों में आपूर्ति की जाएगी, तब इस अस्पताल में आक्सीजन की कमी नहीं होगी। वैसे भी आक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त है। कोरोना काल में भी यहां आक्सीजन की कमी नहीं हुई थी, भले ही यहां एक भी कोरोना संक्रमितों का इलाज न हुआ हो। फ्लो मीटर लगाने में होती है परेशानी
आक्सीजन का फ्लो मीटर लगाने में परेशानी होती है। जो मरीज गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल आते हैं उन्हें आक्सीजन का फ्लो मीटर लगाने के लिए इंतजार करना पड़ता है। अस्पताल के प्रबंधक हेमंत राजन ने बताया कि फ्लो मीटर चलाने का प्रशिक्षण स्वास्थ्यकर्मियों को नहीं दिया गया है। चिकित्सक ही मरीजों को फ्लो मीटर लगाते हैं। ऐसे में आक्सीजन व्यवस्था राम भरोसे चलती है। अस्पताल में वरीय चिकित्सक नहीं होने के कारण भी परेशानी बढ़ जाती है।
कोट----
कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए सदर अस्पताल में व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है। अनुभवी चिकित्सक के न होने के कारण परेशानी है। फ्लो मीटर लगाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अस्पताल में वार्ड के साथ बेड की व्यवस्था बनाने में लगे हैं। आक्सीजन की कमी से कोई मरीज दम नहीं तोड़ेगा।
-डा. कुमार मनोज, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य समिति ----
न्यूमेरिक---- 01 हजार लीटर प्रति मिनट आक्सीजन की आपूर्ति होगी नए प्लांट से
- 02 सौ लीटर आक्सीजन की आपूर्ति हो रही बच्चा वार्ड को