किसानों ने मुआवजा राशि लेने से किया इन्कार
औरंगाबाद । बिहार सरकार एवं एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम से बन रही एनपीजीसी बिजली परियोजना के
औरंगाबाद । बिहार सरकार एवं एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम से बन रही एनपीजीसी बिजली परियोजना के प्रभावित किसान शुक्रवार को मुआवजा राशि लेने से इंकार चले गए। किसानों के द्वारा मुआवजा राशि लेने से इन्कार करने के बाद निराश होकर डीएम कंवल तनुज जिला मुख्यालय लौट गए। बताया जाता है कि परियोजना के लिए 371 एकड़ जमीन का मुआवजा राशि वितरण करने डीएम पहुंचे थे। रेल कारिडोर में जमीन गए गांव मारर, सरगाड़ा, इमरा दुसाध, परसा, बेलौटी, अजनिया, सलैया, शिवनपुर के किसान कमलेश सिंह, बैजनाथ सिंह, सुरेश पाल, शर्मा पाल, अरविंद चंद्रवंशी, देवेंद्र सिंह, अशोक सिंह समेत अन्य किसानों ने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी मुआवजा नहीं लेंगे। किसानों ने कहा कि रेल कारिडोर के लिए अधिग्रहित जमीन का एवार्ड सुधार, स्थल का भौतिक सत्यापन, मालिक गैरमजरुआ जमीन का स्वामित्व, प्रभावित किसान से वार्ता कर जमीन का मूल्य निर्धारण एवं जिस किसान का जमीन अधिग्रहण होने के बाद 10 डिसमिल जमीन बचा हुआ है उसे भी प्रशासन अधिग्रहण करें। डीएम ने कहा कि प्रति एकड़ 32 लाख 60 हजार रुपये दिया जा रहा है। किसान 88 लाख रुपये प्रति एकड़ की मांग कर रहे थे। किसानों की इस मांग को नाजायज बताते हुए डीएम मुआवजा वितरण किए बिना जिला मुख्यालय लौट गए। एनपीजीसी के सीइओ एमके सिन्हा, डीसीएलआर, भू-अर्जन पदाधिकारी, सीओ मौजूद थे।
क्या है मामला
किसानों के अनुसार परियोजना निर्माण के लिए साढ़े तीन हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। अभी तक 372 एकड़ जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है। जमीन अधिग्रहण नहीं होने से परियोजना का कार्य प्रभावित हो रहा है। परियोजना का निर्माण कराने के लिए राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक चिंतित है। राज्य के लिए यह परियोजना काफी महत्वपूर्ण है। 3960 मेगावाट की यह परियोजना से राज्य को 75 प्रतिशत बिजली मिलनी है।