नहर का तटबंध टूटने से मचा कोहराम
औरंगाबाद। पूर्वी सोन उच्च स्तरीय नहर का तटबंध 132 ¨बदू दूरी पर टूटने से कोहराम मच गया है। नहर का तट
औरंगाबाद। पूर्वी सोन उच्च स्तरीय नहर का तटबंध 132 ¨बदू दूरी पर टूटने से कोहराम मच गया है। नहर का तटबंध बुधवार रात्रि टूटा है। तटबंध टूटने से औरंगाबाद, ओबरा, बारूण, रफीगंज, कोंच, गोह एवं टेकारी प्रखंड के किसानों का पटवन प्रभावित हुआ है। कुल 1,46,000 हेक्टेयर भूमि का पटवन प्रभावित हुआ है। आज से आद्रा नक्षत्र शुरू हो गया और किसान अपने खेतों में धान का बिचड़ा डालेंगे। नहर का तटबंध
टूटने से खेतों तक पानी नहीं पहुंचेगा। तटबंध टूटने की खबर से किसान बेचैन हैं। पूर्व मंत्री रामाधार ¨सह ने गुरुवार शाम किसानों के साथ टूटे हुए तटबंधन का निरीक्षण किया। बताया कि कार्यपालक अभियंता की लापरवाही के कारण तटबंध टूटा है। तटबंध के मरम्मत में गड़बड़ी की गई है। सरकार ने नहर के तटबंध मरम्मत के लिए 25 लाख रुपये स्वीकृत किए थे। 25 करोड़ से मरम्मत का कार्य हो रहा था परंतु कार्य में गड़बड़ी की गई
है। कार्यपालक अभियंता को किसानों की समस्या से कोई मतलब नहीं है। दावा करते हुए कहा कि पूर्वी सोन उच्च स्तरीय नहर के ¨बदू दूरी 108 से 136 के बीच आठ जगहों पर तटबंध कमजोर है। तटबंध कभी भी टूट सकता है। बताया जाता है कि विभाग के अभियंता फरार रहते हैं जिस कारण तटबंध टूटा है। कार्यपालक अभियंता उमेश मुखिया ने बताया कि तटबंध कैसे टूटा इसकी जांच की जा रही है। रात्रि तक टूटे हुए तटबंध का मरम्मत करा लिया जाएगा। तटबंध मरम्मत का कार्य गुरुवार सुबह से ही चल रहा है। किसानों को समय से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण
औरंगाबाद : ¨सचाई विभाग के मुख्य अभियंता ईश्वर चंद्र ठाकुर ने नहर का तटबंध टूटने मामले में पूर्वी सोन उच्च स्तरीय नहर के कार्यपालक अभियंता उमेश मुखिया से स्पष्टीकरण पूछा है। अपने आदेश में कहा है कि तटबंध कैसे और क्यों टूटा इसका जवाब दें। कार्यपालक अभियंता को जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है। बता दें कि अभी जिले में किसान धान का बिचड़ा डालना शुरू किए हैं, तभी नहर का तटबंध अचानक टूटा गया है।