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शिक्षकों को संचार प्रौद्योगिकी का मिला प्रशिक्षण

प्रखंड मुख्यालय में संचालित शिक्षक प्रशिक्षण निष्ठा के पांचवें एवं अंतिम दिन सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी कला समेकित शिक्षा जेंडर प्री वोकेशनल एजुकेशन पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 10:55 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 06:13 AM (IST)
शिक्षकों को संचार प्रौद्योगिकी का मिला प्रशिक्षण
शिक्षकों को संचार प्रौद्योगिकी का मिला प्रशिक्षण

प्रखंड मुख्यालय में संचालित शिक्षक प्रशिक्षण निष्ठा के पांचवें एवं अंतिम दिन सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, कला समेकित शिक्षा, जेंडर, प्री वोकेशनल एजुकेशन पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। बताया गया कि बच्चे स्वयं सीखते हैं। उनका अधिगम एवं आनंददायक हो इसके लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कक्षा में करना जरूरी है। बच्चों में बुनियादी अवधारणा निर्माण एक महत्वपूर्ण साधन है।

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बच्चों में समझ विकसित करने के लिए उनमें बुनियादी कौशल का विकास करने के लिए आइसीटी का उपयोग करना जरूरी है। शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में प्रोजेक्टर, लैपटॉप, मोबाइल का प्रयोग किया जा सकता है। इनके जरिए वीडियो फिल्म दिखाया जा सकता है। वीडियो में अधिगम सामग्री बच्चे देखकर आनंददायक तरीके से सीखते हैं। प्रशिक्षण के अंतिम सत्र में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव का आदान प्रदान किया। अनुभव साझा करते हुए अजीत ठाकुर ने कहा कि हमें विद्यालय में बच्चों को सीखने का अवसर प्रदान करना चाहिए। हमें उनके अधिगम सुधार के लिए पहल करनी चाहिए। यह जो प्रशिक्षण है वह विद्यालय प्रधानों एवं शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के लिए है।

प्रशिक्षु नरेंद्र पाठक ने कहा कि इस प्रशिक्षण की सफलता तभी होगी जब हम यहां की गतिविधियों एवं तकनीकों का उपयोग विद्यालय में जाकर बच्चों के बीच करेंगे। बच्चों को आनंददायी तरीके से सिखाने के लिए हमें ईमानदारी से प्रयास करने की जरूरत है। प्रशिक्षण में प्रीति सिंह ने कहा कि हमें शिक्षा में आइसीटी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से अधिगम आसान हो जाता है। प्रशिक्षण में सीखी गई बातों को विद्यालय में क्रियान्वयन करने की जरूरत है। प्रशिक्षु पूनम उपाध्याय ने कहा कि यह प्रशिक्षण अन्य प्रशिक्षण से अलग है और बेहतर है। यह शिक्षकों के स्वयं का विकास करने के लिए अवसर प्रदान करता है। हमें विद्यालय नेतृत्व के लिए पहल करना चाहिए। अपने अंदर के संवेदना और क्षमताओं को बढ़ाना होगा। प्रशिक्षु निर्मला सिंह यादव ने कहा हमें शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में भाग लेना चाहिए। विद्यालय में उपलब्ध अधिगम प्रतिफल का उपयोग करते हुए अधिगम स्तर में सुधार करना है। सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी ओमप्रकाश ने प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण करते हुए व्यवस्था में सुधार करने हेतु लेखापाल को निर्देश दिए। प्रशिक्षुओं ने पूर्व की व्यवस्था में हुए बेहतर परिवर्तन पर खुशी व्यक्त किया। एसआरपी चंद्रशेखर प्रसाद साहु, केआरपी जितेंद्र कुमार सिन्हा, सुमंत कुमार, उज्ज्वल रंजन, नंदलाल राम, बीआरपी विकास कुमार विश्वास, लेखापाल अविनाश कुमार, बिपिन कुमार, एचएम शंभू राम उपस्थित रहे। ,


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