महात्मा गांधी के विचार आज भी प्रासंगिक : प्रधानाध्यापक
धी जी कतरी से बुना हुआ खादी कपड़ों का ही प्रयोग किया करते थे। साथ ही एक दूसरे को संदेश देते थे कि खादी कपड़ों का ही प्रयोग करना आवश्यक है। आवश्यक इस मामले में है कि किसी भी प्रकार का चर्म रोग खादी कपड़े से नहीं होते हैं। खादी कपड़े पहनने से लोग स्वस्थ एवं निरोग रहते हैं। प्रधा
ओबरा खादी ग्राम उद्योग के तहत 10 दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ बुधवार को किया गया। जिसका हरी झंडी दिखाकर मध्य विद्यालय कारा के प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार विकल एवं समाजसेवी अरुण सिंह तथा प्रबंधक सुरेश प्रसाद ने वाहन को रवाना किया। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रबंधक सुरेश प्रसाद ने की। इस मौके पर प्रबंधक, प्रधानाध्यापक तथा समाजसेवी समेत खादी ग्राम उद्योग के सभी कर्मियों ने महात्मा गांधी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। समाजसेवी अरुण सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी खादी वस्त्रों के संदेशवाहक थे। उन्होंने कहा कि गांधी जी कतरी से बुना हुआ खादी कपड़ों का ही प्रयोग किया करते थे। साथ ही एक दूसरे को संदेश देते थे कि खादी कपड़ों का ही प्रयोग करना आवश्यक है। आवश्यक इस मामले में है कि किसी भी प्रकार का चर्म रोग खादी कपड़े से नहीं होते हैं। खादी कपड़े पहनने से लोग स्वस्थ एवं निरोग रहते हैं। प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार विकल ने महात्मा गांधी का उपदेश आज भी प्रासंगिक है। इसे जीवन में अपनाने की जरूरत है। इधर जानकारी देते हुए प्रबंधक ने बताया कि 10 दिन का प्रदर्शनी मेला का आयोजन किया गया है। इसके लिए गांव-गांव तक अभियान चलाकर खादी वस्त्र का बिक्री की जा रही है इस मौके पर कृष्णा प्रसाद रामदेव सिंह सुरेंद्र प्रसाद महाराज प्रसाद बलिराम प्रमोद कुमार परशुराम सिंह ललन भारतीय अरविद सिंह सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।