वेतन को लेकर संस्कृत शिक्षाप्रेमियों ने की बैठक
औरंगाबाद। शिक्षकों का अनुमोदन नहीं किए जाने, वेतन भुगतान नहीं होने, फंड उपलब्ध नहीं होन
औरंगाबाद। शिक्षकों का अनुमोदन नहीं किए जाने, वेतन भुगतान नहीं होने, फंड उपलब्ध नहीं होने समेत विद्यालयों को जांच के बाद भी अबतक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर प्रखंड संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों, कर्मियों व प्रबंध समितियों में आक्रोश देखा जा रहा है। समस्या को लेकर प्रखंड मुख्यालय हसपुरा में गुरुवार को बैठक हुई। एसके दीक्षित संस्कृत उच्च विद्यालय के प्रबंध समिति के सचिव डॉ. तपेश्वर ¨सह, सदस्य सुरेंद्र ¨सह, र¨वद्र ¨सह ने कहा कि शिक्षा विभाग के सचिव पत्रांक 538 दिनांक 18-04-028 व स्मार पत्रांक 621 दिनांक 17-05-018 द्वारा बिहार राजकीय संस्कृत विद्यालय (प्रस्वीकृति एवं शर्तें) नियमावली, 1993 के आलोक में 69 संस्कृत विद्यालयों की सूची संलग्न करते हुए विद्यालयों की जांच कर 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था। प्रखंड के विद्यालयों में जांच हुए छह माह से ऊपर हो गए, लेकिन इस दिशा में अबतक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। कहा कि ऐसी स्थिति से न तो शिक्षकों का अनुमोदन हो रहा है और नहीं वेतन भुगतान हो पा रही है। उनकी पारिवारिक स्थित आर्थिक रूप से कमजोर होती जा रही है। उनके बीच भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कहा कि सरकार व बोर्ड में कार्य शिथिलता के कारण विद्यालयों में विभिन्न प्रकार की सामग्री नहीं उपलब्ध हो पा रही है। कहा कि ऐसी स्थिति से शिक्षा व्यवस्था दम तोड़ रही है। अब तो प्रबंध समिति भी विद्यालय चलाने में असमर्थता जताने लगे है। क्योंकि सरकारी उपेक्षा के कारण इनकी हालत भी दयनीय होती जा रही। बावजूद ऊपर से जांच के दौरान विभिन्न कागजात की मांग की जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि इस स्थिति से यदि समिति बाध्य होकर कोई कार्रवाई करती है तो उसे नियम का अनुपालन न करने का दोष मढ़ दिया जाता है, लेकिन वर्षों से संचालित स्कूलों को बचाने के लिए समिति कोई न कोई हथकंडा तो अपनाएगी ही। सभी ने सरकार से शिक्षकों का अनुमोदन कराने, वेतन भुगतान व फंड उपलब्ध करवाने की दिशा में शीघ्र कार्रवाई की मांग उठाई है। पुरहारा स्कूल के प्रधानाध्यापक बालाशंकर ¨सह, पिरू के अखिलेश ¨सह, लिपिक रामाशीष ¨सह, राजेश कुमार, सियाराम ¨सह, नन्हक पासवान सहित उपस्थित रहे।