पृथ्वीराज चौहान की पुण्यतिथि पर शौर्य, बलिदान पर हुई चर्चा
देने का काम करता है। डॉ. सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा ने कहा कि चंद्रवरदाई के पृथ्वीराज रासो में पृथ्वीराज को एक ऐसे राष्ट्र नायक के रूप में चित्रित किया गया है जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। शिक्षक उज्जवल रंजन ने कहा कि जिस देश के लोग अपने इतिहास को विस्मित कर देते हैं। उनका भविष्य कभी भी सुरक्षित नहीं रह पाता। शिक्षक अमित कुमार के अनुसार पृथ्वीराज एक ऐसे राष्ट्र नाय
नागा बिगहा स्थित अंबे आश्रम में कौटिल्य सेवा संस्थान द्वारा आयोजित पृथ्वीराज चौहान की पुण्यतिथि समारोह आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता संस्था के कोषाध्यक्ष शिवदेव पांडेय एवं संचालन धनंजय जयपुरी ने किया। वक्ताओं ने एकमत से पृथ्वीराज के शौर्य, बलिदान एवं राष्ट्र के प्रति अटूट निष्ठा की चर्चा की। अपनी बातों को रखते हुए संस्था के अध्यक्ष मनीष कुमार ने कहा कि पृथ्वीराज एक ऐसे महापुरुष थे। जिनका व्यक्तित्व आज भी प्रेरणा देने का काम करता है। डॉ. सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा ने कहा कि चंद्रवरदाई के पृथ्वीराज रासो में पृथ्वीराज को एक ऐसे राष्ट्र नायक के रूप में चित्रित किया गया है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। शिक्षक उज्जवल रंजन ने कहा कि जिस देश के लोग अपने इतिहास को विस्मित कर देते हैं। उनका भविष्य कभी भी सुरक्षित नहीं रह पाता। शिक्षक अमित कुमार के अनुसार पृथ्वीराज एक ऐसे राष्ट्र नायक थे जिनके मन में एक मजबूत राष्ट्र की परिकल्पना थी। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पूर्व मुखिया शिवदेव पांडेय ने कहा कि अहिसा परमो धर्म: की नीति तो ठीक है, परंतु राष्ट्र रक्षा के लिए कभी-कभी हिसा को भी प्रश्रय देना पड़ता है। इस मौके पर अविनाश सागर, सुशांत सागर, आशुतोष रंजन, जय हिद बाबा, पुरुषोत्तम पाठक, चंदन कुमार सहित लोगों ने भी अपनी- अपनी बातें रखें।