किसानों ने फिर बंद किया नाला का पानी, आमजन परेशान
पानी का निकासी कर दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं होने की स्थिति में किसानों ने फिर से नाला को बंद कर दिया। 14 जनवरी 2019 को फिर समझौता हुआ और छह महीने का समय लिया गया था। लेकिन अभी तक नाला का निर्माण नहीं किया गया है और उनका खेत प्रभावित हो रहा है। किसान
मौलाबाग के किसानों ने एक बार फिर से सुरती पुल नाले के पानी को बंद कर देने से पानी सड़क पर बह रहा है। शहर के जगन मोड़ से लेकर अब्दुल बारी पथ में जल निकासी पूरी तरह हो गया है। नाला और नाली का पानी सड़क पर बह रहा है। यही स्थिति चार दिनों से कायम है। मंगलवार को थाना परिसर में आयोजित शांति समिति की बैठक में भी यह मामला उठा। जिसके बाद सीओ एवं थानाध्यक्ष ने जाकर जांच भी की। लेकिन, अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। शहर के विभिन्न इलाकों का नाली का पानी जगन मोड़ होते हुए साइफन तक जाने वाला पानी निजी खेत में होते होते हुए जाता है और मौलाबाग के करीब 80 बिगहा कृषि योग्य भूमि में पानी जमा हो जाता है। चूंकि साइफन पूरी तरह भर चुका है। प्रभावित किसान खेती तक नहीं कर पा रहे हैं। प्रभावित किसान साधु शरण सिंह का कहना है कि 31 अगस्त 2016 को नगर परिषद के साथ समझौता हुआ था कि छह महीने में नाला बनाकर पानी का निकासी कर दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं होने की स्थिति में किसानों ने फिर से नाला को बंद कर दिया। 14 जनवरी 2019 को फिर समझौता हुआ और छह महीने का समय लिया गया था। लेकिन अभी तक नाला का निर्माण नहीं किया गया है और उनका खेत प्रभावित हो रहा है। किसान साधु शरण सिंह ने बताया कि अभी तक जल निकासी की व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण ही उन लोगों ने एक बार फिर से नाला को बंद कर दिया है। एक से दो दिन में टेंडर हो जाएगा
नप के उपमुख्य पार्षद पुष्पा देवी कहती हैं कि सुरती पुल जगन मोड़ से पचकठवा देवी मंदिर तक नाला निर्माण का टेंडर हो चुका है। बुडको के मुख्य अभियंता से बात हुई है। एक-दो दिनों के अंदर टेंडर डिसाइड हो जाएगा। कोई भी कार्य नियमानुसार ही होता है।