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बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे पेश कर रहे हैं मिशाल

स्कूल में नामांकन भी किया है। पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चों में अधिकतर निर्धन बच्चे शामिल हैं। चंचल ने जब अपना निजी विद्यालय ज्ञान ज्योति शिक्षण केंद्र शुरू किया था तो उनके मन मे आया कि ऐसे कई गरीब तबके के बच्चे हैं जो निजी विद्यालय में शुल्क जमा करने में असमर्थ हैं उन्हें क्यों न

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 10:12 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 06:14 AM (IST)
बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे पेश कर रहे हैं मिशाल
बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे पेश कर रहे हैं मिशाल

शहर के निर्धन व जरूरतमंद बच्चों के जीवन में निस्वार्थ भाव से ज्ञान का दीपक जला रहे हैं दाउदनगर के पुराना शहर निवासी डॉ. चंचल कुमार। चंचल उन लोगों के लिए एक मिसाल हैं जो सामाजिक परिवर्तन की बात तो करते है। लेकिन उस दिशा में सार्थक प्रयास करने के लिए संसाधनों की कमी का बहाना करते हैं। ये आसपास के क्षेत्र के लगभग 100 से ज्यादा गरीब तबके के बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। इनका एक निजी विद्यालय भी है। ये निर्धन बच्चों को अपने स्कूल में नामांकन भी किया है। पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चों में अधिकतर निर्धन बच्चे शामिल हैं। चंचल ने जब अपना निजी विद्यालय ज्ञान ज्योति शिक्षण केंद्र शुरू किया था तो उनके मन मे आया कि ऐसे कई गरीब तबके के बच्चे हैं जो निजी विद्यालय में शुल्क जमा करने में असमर्थ हैं उन्हें क्यों न निशुल्क शिक्षा दी जाए। बच्चों को लुभाने के लिए उन्होंने वहां पर कैरम, लूडो, बैडमिटन जैसे कई खेल भी उपलब्ध करवाया है। वे कहते हैं कि बच्चे शिक्षित होंगे तो राष्ट्र का विकास होगा और समृद्ध व शक्तिशाली राष्ट्र बनेगा। बच्चे देश के भविष्य है। इसीलिए सरकार को भी प्रारंभिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वहीं दाउदनगर प्रखंड के मनार पंचायत अंतर्गत देवदत्तपुर गांव में मदर टेरेसा से प्रेरित अपने सहपाठी के सलाह पर भूगोल विषय से यूजीसी नेट पास गोपेन्द्र कुमार सिन्हा गौतम पिछले आठ सालों से गरीब व प्रतिभावान बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। 17 मई 2011 से इन्होंने देवकुल सामाजिक विकास व शोध संस्थान के बैनर तले गुरुकुल की शुरुआत आठ बच्चों के साथ की थी। आज इनके पास 80 से ज्यादा बच्चे नामांकित है,जिसमें से हर दिन लगभग 70 से ऊपर बच्चे उपस्थित होते हैं।

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