सावित्रीबाई फुले ने समाज में शिक्षा की अलख जगाने का किया काम
द्वारा सावित्री बाई फुले की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वहीं मठाधीश कन्हैयानंद पुरी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अध्यक्षता दीपु देव ने जबकि संचालन रमेश मालाकार ने किया। सावित्रीबाई फुले के विचारों पर वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखें। कार्यक्र
प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती शुक्रवार को मनाई गई। किसान मार्केट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सबसे पहले उपस्थित अतिथियों द्वारा सावित्री बाई फुले की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वहीं मठाधीश कन्हैयानंद पुरी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अध्यक्षता दीपु देव ने जबकि संचालन रमेश मालाकार ने किया। सावित्रीबाई फुले के विचारों पर वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मठाधीश देवकुंड, डींडीर पैक्स अध्यक्ष संजीत शर्मा, अजय यादव, समाजसेवी रामाशंकर यादव, रामकृपाल विश्वकर्मा, शिक्षक मुकेश झा सहित कई वक्ताओं ने कहा कि समाज में शिक्षा की अलख जगाने का काम सावित्री बाई द्वारा किया गया। समाज के नीचे तबके के लोगों को शिक्षित कर मुख्यधारा से जोड़ने की शुरुआत उनके द्वारा किया गया। सावित्रीबाई फुले अपने जीवन के बहुत सारी यातनाएं झेलकर समाज के वंचितों, शोषितों, रूढ़ीवादी परंपराओं के विरुद्ध आवाज उठाकर बालिका शिक्षा पर जोर देकर समाज को सुसंस्कृत बनाने का प्रयास किया एवं इनके नेक कार्य में उनके जीवन साथी महात्मा फुले जी का भरपूर सहयोग मिला। इस मौके पर अशोक मालाकार, सुभाष मालाकार, भवानी मालाकार, शिक्षक पन्नालाल, जयराम शर्मा, अक्षय पटेल, शिक्षक राकेश रंजन, अरूण कुमार ध्रुव, देवनंदन भगत, राजकिशोर मौर्य, सुरेश प्रसाद, अजीत कुमार, गौरव मिश्रा, चंद्रेश पटेल सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।